AIN NEWS 1 | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 अगस्त को टियांजिन शहर जाएंगे, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह कई वर्षों बाद मोदी का पहला चीन दौरा होगा, जो भारत-चीन संबंधों में संभावित सुधार का संकेत माना जा रहा है।
SCO एक क्षेत्रीय संगठन है जिसमें चीन, रूस और मध्य एशियाई देश शामिल हैं। यह संगठन सुरक्षा, व्यापार और राजनीतिक सहयोग पर केंद्रित है।
सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय मुलाकात की भी संभावना है। माना जा रहा है कि यह मुलाकात 2020 के लद्दाख सीमा विवाद के बाद रिश्तों को सुधारने के प्रयासों का हिस्सा हो सकती है।
सीधी उड़ानों का महत्व
कोविड-19 से पहले भारत और चीन के बीच नियमित सीधी उड़ानें चलती थीं।
लेकिन उड़ानों पर रोक लगने के बाद यात्रियों को चीन जाने के लिए हांगकांग, सिंगापुर या बैंकॉक जैसे शहरों से होकर जाना पड़ता है, जिससे न केवल यात्रा का समय बढ़ता है बल्कि खर्च भी काफी ज्यादा हो जाता है।
सीधी उड़ानें शुरू होने से –
यात्रा का समय कम होगा
खर्च घटेगा
व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ेगा
छात्रों और कामकाजी लोगों को सुविधा मिलेगी
अमेरिका को कूटनीतिक संदेश?
हालांकि सरकार ने इसे सीधे तौर पर अमेरिका के टैरिफ ऐलान से जोड़कर बयान नहीं दिया है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम एक कूटनीतिक संदेश भी हो सकता है।
ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने के फैसले के बाद, चीन के साथ सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करना अमेरिका को अप्रत्यक्ष रूप से संकेत देने जैसा है कि भारत अपनी विदेशी नीतियों में लचीलापन रखता है और अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर फैसले लेता है।
भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानों की बहाली, हालिया तनाव और कोविड-19 महामारी के बाद एक बड़ा कदम है। यह फैसला दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को पुनर्जीवित कर सकता है। साथ ही, यह कदम अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भारत की रणनीतिक सोच को भी दर्शाता है, जहां वह संतुलन बनाए रखते हुए अपने हितों को प्राथमिकता दे रहा है।
India is preparing to resume direct flights to China next month, ending a suspension in place since COVID-19 and the 2020 Galwan Valley clash. The move comes just after Donald Trump’s tariff announcement on India and ahead of Prime Minister Narendra Modi’s visit to China for the SCO summit. Resuming Air India and Indigo flights to China will significantly cut travel time and costs, boosting trade, cultural exchange, and India-China relations. This decision also sends a subtle diplomatic message in the context of global geopolitics and US-India-China dynamics.



















