Indian Cinema Gaining International Recognition: Medha Jaishankar at WAVES 2025
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की बेटी मेधा जयशंकर ने कहा – “भारतीय सिनेमा का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभाव बढ़ रहा है”
AIN NEWS 1 मुंबई: वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट 2025 (WAVES) के मंच पर मुंबई में आयोजित एक सत्र के दौरान फिल्ममेकर और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की बेटी मेधा जयशंकर ने भारतीय सिनेमा की अंतरराष्ट्रीय पहचान और प्रभाव को लेकर अपनी बातें साझा कीं।
उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय फिल्में अब न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका जैसे बड़े वैश्विक बाजारों में भी अपनी गहरी छाप छोड़ रही हैं। विशेष रूप से ऑस्कर सीजन के दौरान भारतीय फिल्मों की मौजूदगी और उन्हें मिल रही सराहना अब वैश्विक स्तर पर भारतीय सिनेमा की अहमियत को दिखा रही है।
भारतीय फिल्मों को अमेरिका में मिल रही प्रमुखता
मेधा ने कहा, “अगर आप अकादमी यानी ऑस्कर पुरस्कारों की तरफ देखें, तो अब वहां भारतीय सिनेमा का महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व देखने को मिल रहा है। मुझे यह देखकर बेहद खुशी होती है कि अब अमेरिका जैसे देशों में भी भारतीय फिल्मों और कहानियों के लिए मंच बन रहे हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि हॉलीवुड और ऑस्कर से जुड़ी प्रतिष्ठित स्क्रीनिंग हाउस ‘Ross House’ में अब भारतीय फिल्मों की भी स्क्रीनिंग हो रही है। इस स्थान पर पहले जहां एंजेलिना जोली जैसी अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की फिल्में दिखाई जाती थीं, अब वहीं आमिर खान की ‘लापता लेडीज़’ जैसी भारतीय फिल्में भी दिखाई जा रही हैं।
‘लापता लेडीज़’ और वैश्विक मंच पर पहचान
‘लापता लेडीज़’ फिल्म की स्क्रीनिंग का उदाहरण देते हुए मेधा ने बताया कि यह सिर्फ एक फिल्म की उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे भारतीय फिल्म उद्योग के लिए गर्व की बात है। इस फिल्म को जिस तरह से अमेरिका में पहचान मिली, वह बताता है कि अब अंतरराष्ट्रीय दर्शक भारतीय कहानियों को भी गंभीरता से ले रहे हैं।
ऑस्कर सीजन में बढ़ती रुचि
उन्होंने आगे कहा कि ऑस्कर जैसे मंचों पर अब भारतीय फिल्में भी एक विकल्प बन रही हैं। विदेशी दर्शक भारतीय संस्कृति, कहानियों और फिल्मों में रुचि लेने लगे हैं। इससे पहले जहां केवल हॉलीवुड का ही बोलबाला होता था, अब वहां भारतीय कहानियां भी दर्शकों के दिलों को छू रही हैं।
मेधा जयशंकर की भूमिका
मेधा जयशंकर खुद भी एक फिल्ममेकर हैं और उन्होंने भारत-अमेरिका के बीच फिल्म और मीडिया के क्षेत्र में संवाद को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। वह इस बात से उत्साहित हैं कि अब भारतीय फिल्मकारों की पहुंच सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही, बल्कि वे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी पहचान बना रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय फिल्म बाजार में भारत की भागीदारी
उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि अब भारत को न सिर्फ कंटेंट प्रोड्यूसर के रूप में, बल्कि विचार और संस्कृति के वाहक के रूप में भी देखा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय फिल्म मार्केट में हमारी भागीदारी लगातार बढ़ रही है।”
WAVES 2025 जैसे मंचों पर मेधा जयशंकर की बातें यह संकेत देती हैं कि भारतीय फिल्म उद्योग अब सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वह वैश्विक सांस्कृतिक संवाद का एक अहम हिस्सा बन गया है। उनकी बातों से यह स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में भारतीय सिनेमा की गूंज और भी देशों तक पहुंचेगी।
At the WAVES 2025 Summit held in Mumbai, Medha Jaishankar — filmmaker and daughter of External Affairs Minister S. Jaishankar — emphasized how Indian cinema is gaining international recognition, particularly in the US and during Oscar season. She mentioned events like screenings at Ross House, attended by global stars like Angelina Jolie and Aamir Khan, as signs of growing acceptance of Indian stories. The presence of Indian films in Academy circuits and the influence of creators like Medha Jaishankar reflect the rise of Indian filmmakers in international film festivals and global entertainment markets.