AIN NEWS 1 नई दिल्ली: भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) के प्रमुख, महानिदेशक एस. परमेश ने आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने रक्षा मंत्री को भारतीय तट रक्षक की आत्मनिर्भरता परियोजनाओं और बल द्वारा संचालित विभिन्न ऑपरेशनों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
आत्मनिर्भरता पर जोर
महानिदेशक एस. परमेश ने बैठक में आत्मनिर्भरता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय तट रक्षक अपने संसाधनों और क्षमताओं को मजबूत करने के लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। यह आत्मनिर्भरता न केवल बल की कार्यक्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रमुख ऑपरेशन्स की जानकारी
आईसीजी प्रमुख ने रक्षा मंत्री को बल द्वारा चलाए जा रहे प्रमुख ऑपरेशनों के बारे में भी बताया। इन ऑपरेशनों में समुद्री सुरक्षा, तटीय निगरानी, और खोज एवं बचाव कार्य शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तट रक्षक के सदस्यों ने हाल ही में कई सफल अभियानों को अंजाम दिया है, जिससे समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
भारत की समुद्री सुरक्षा
इस बैठक में तट रक्षक की भूमिका पर चर्चा की गई, जो देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है। रक्षा मंत्री ने भी भारतीय तट रक्षक के कार्यों की सराहना की और आत्मनिर्भरता के प्रयासों में सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि समुद्री सुरक्षा को प्राथमिकता देना आवश्यक है, ताकि भारत अपनी समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रख सके।
भविष्य की योजनाएं
आईसीजी प्रमुख ने भविष्य की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला, जिसमें नई तकनीकों का समावेश और बल की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नए उपकरणों का उपयोग शामिल है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि बल तकनीकी रूप से उन्नत बने, ताकि वह सभी चुनौतियों का सामना कर सके।
समापन
इस मुलाकात ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय तट रक्षक अपनी आत्मनिर्भरता परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्रयास न केवल बल की दक्षता को बढ़ाएंगे, बल्कि भारत की समुद्री सुरक्षा को भी सुदृढ़ करेंगे। रक्षा मंत्री के साथ हुई इस बैठक ने यह संकेत दिया कि सरकार तट रक्षक के कार्यों और उसकी योजनाओं के प्रति गंभीर है।
इस प्रकार, एस. परमेश की रक्षा मंत्री के साथ हुई बैठक से यह स्पष्ट हो गया कि भारतीय तट रक्षक ने आत्मनिर्भरता के प्रति एक नई दिशा में कदम बढ़ाया है, जिससे न केवल बल को मजबूत किया जाएगा, बल्कि देश की सुरक्षा में भी योगदान दिया जाएगा।