AIN NEWS 1 इंदौर :– इंदौर हाईकोर्ट ने ट्रिपल तलाक और दहेज प्रताड़ना से संबंधित एक केस में एफआईआर दर्ज करने की याचिका पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति अनिल वर्मा ने इस मामले में कहा कि एक अच्छी तरह से तैयार समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) अंधविश्वास और बुरी प्रथाओं पर रोक लगाने में मदद करेगी और राष्ट्र की एकता व अखंडता को मजबूत करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि समान नागरिक संहिता को वास्तविकता में लाना अब अत्यंत आवश्यक हो गया है।
क्या है मामला?
बड़वानी जिले के राजपुर गांव की एक मुस्लिम युवती का निकाह मुंबई में हुआ था। शादी के बाद से ही युवती को उसके पति, सास और ननंद द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। पति ने युवती को तीन बार तलाक देकर शादी समाप्त कर दी। इसके बाद, युवती ने पति, सास और ननंद के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया।
सास और ननंद ने इस एफआईआर को निरस्त कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति अनिल वर्मा की खंडपीठ ने इस याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए सास और ननंद पर मुस्लिम वुमन (प्रोटेक्शन ऑन मेरिज) एक्ट 2019 के तहत मामला चलाने का निर्देश दिया।
महत्वपूर्ण बिंदु
– समान नागरिक संहिता: इसे लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, ताकि समाज में व्याप्त अंधविश्वास और बुरी प्रथाओं को रोका जा सके और राष्ट्रीय एकता को बल मिले।
– ट्रिपल तलाक और दहेज प्रताड़ना:इन मुद्दों पर कानून और न्यायपालिका की भूमिका की पुष्टि की गई है।
इस मामले ने समान नागरिक संहिता की जरूरत को एक बार फिर उजागर किया है, जो सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।