Wednesday, December 25, 2024

झारखंड में घुसपैठ का संकट: कई जिलों में जनसंख्या से अधिक बने आधार कार्ड, साहिबगंज और पाकुड़ में सबसे अधिक गड़बड़ियां, इंटेलिजेंस ब्यूरो ने दिए जांच के निर्देश?

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AIN NEWS 1: झारखंड के सीमावर्ती जिले एक बार फिर बांग्लादेशी घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के मामलों को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में, राज्य के कई जिलों में जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड बनने की गड़बड़ी सामने आई है। खासकर साहिबगंज और पाकुड़ जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की मौजूदगी के प्रमाण इकट्ठा किए जा रहे हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की टीम ने इन क्षेत्रों में जाकर गहन जांच की और चौंकाने वाले आंकड़े उजागर किए

आंकड़ों में घुसपैठ की पुष्टि

यूआईडीएआई (UIDAI) के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड के पांच जिलों में आधार कार्ड का पंजीकरण उनकी जनसंख्या से अधिक हो चुका है।

साहिबगंज: 109%

गढ़वा: 108%

लातेहार: 104%

पाकुड़: 102%

दुमका: 101%

यह आंकड़े यह इशारा करते हैं कि इन जिलों में बड़े पैमाने पर फर्जी आधार कार्ड बनवाए गए हैं।

कैसे हो रही है गड़बड़ी?

विशेष जांच में पाया गया है कि घुसपैठियों के लिए झारखंड की सीमावर्ती जिलों में दस्तावेज़ हासिल करना बेहद आसान हो गया है। जन्म प्रमाण पत्र, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र में हेरफेर करके इन आधार कार्डों को बनवाया जा रहा है।

दुमका में तोफुल बीवी का मामला:

दुमका जिले में एक महिला, तोफुल बीवी, के नाम से आठ आधार कार्ड बनवाए गए थे। सभी कार्डों पर एक ही पता और मां का नाम दर्ज था।

राजनीतिक और प्रशासनिक लापरवाही

यह मुद्दा झारखंड विधानसभा में भी उठा है। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह इस गंभीर समस्या को हल करने में विफल रही है। सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन दिए गए, लेकिन अभी तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

झारखंड के सीमावर्ती जिले पहले से ही घुसपैठ के लिए संवेदनशील माने जाते हैं। इन जिलों में घुसपैठ रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।

इंटेलिजेंस ब्यूरो की जांच रिपोर्ट

IB की टीम ने जांच के बाद सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि साहिबगंज और पाकुड़ जैसे सीमावर्ती जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों ने बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेज बनवाए हैं। ये घुसपैठिए झारखंड को अपनी पहचान स्थापित करने और भारत में स्थायी तौर पर बसने के लिए सुरक्षित स्थान मानते हैं।

आधार कार्ड की विश्वसनीयता पर सवाल

आधार कार्ड को भारत में एक विश्वसनीय पहचान पत्र माना जाता है। लेकिन इन गड़बड़ियों के कारण इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। झारखंड में यह पहला मामला नहीं है। पहले भी मतदाता सूची और अन्य पहचान पत्रों में गड़बड़ी के मामले सामने आ चुके हैं।

घुसपैठ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस समस्या का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो इससे झारखंड की सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने पर गंभीर असर पड़ेगा।

सरकार को तुरंत:

1. सीमाओं पर निगरानी बढ़ानी चाहिए।

2. फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

3. आधार पंजीकरण प्रक्रिया में सख्ती लानी चाहिए।

झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और फर्जी आधार कार्ड का मामला राज्य की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है। सरकार और प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि घुसपैठ और फर्जी पहचान पत्र बनाने की गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।

 

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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