ISIS-Inspired Conversion Racket Busted in India, 10 Arrested for Radicalizing Girls Across 6 States
ISIS की तर्ज पर युवतियों का अवैध मतांतरण और ब्रेनवॉश, 6 राज्यों में सक्रिय गिरोह के 10 सदस्य गिरफ्तार
AIN NEWS 1 लखनऊ/आगरा: उत्तर प्रदेश समेत देश के छह राज्यों में फैले एक बड़े धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह पर आरोप है कि यह आतंकी संगठन ISIS के ढंग पर काम कर रहा था। पुलिस के मुताबिक, गिरोह खास तौर पर हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर उनका जबरन धर्म परिवर्तन करवा रहा था और फिर उन्हें कट्टरपंथी सोच से प्रभावित करके आत्मघाती हमलों के लिए तैयार कर रहा था।
आगरा पुलिस की जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क विदेशी फंडिंग के दम पर काम कर रहा था और इसमें कनाडा, अमेरिका, इंग्लैंड, दुबई जैसे देशों से पैसा आ रहा था। गिरफ्तार 10 आरोपियों में से कई का संपर्क पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से भी पाया गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
इस पूरे रैकेट का खुलासा तब हुआ जब आगरा की दो सगी बहनों के लापता होने की रिपोर्ट मार्च में दर्ज कराई गई थी। इन दोनों बहनों की उम्र 33 और 18 साल थी और वे एक सिख परिवार से थीं। पहले भी बड़ी बहन साल 2021 में गायब हो चुकी थी। पुलिस ने जांच में पाया कि इन दोनों का जबरन मतांतरण कर मुस्लिम नाम—अमीना और जोया—रख दिया गया था।
जांच के दौरान पता चला कि इन लड़कियों को कट्टरपंथी वीडियो दिखाए जाते थे, और अगर वे विरोध करती थीं तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती थी। लड़कियों को मानसिक और भावनात्मक रूप से इस कदर प्रभावित किया गया कि उनमें से एक ने तो सोशल मीडिया पर एके-47 के साथ अपनी प्रोफाइल फोटो लगा दी थी।
गिरोह का नेटवर्क
यह गिरोह न सिर्फ यूपी बल्कि गोवा, कोलकाता, देहरादून, जयपुर और दिल्ली तक फैला हुआ था। पुलिस ने 11 टीमों का गठन करके देश के विभिन्न हिस्सों से 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें शामिल हैं:
आयशा उर्फ एसबी कृष्णा (गोवा से)
अली हसन उर्फ शेखर राय (कोलकाता से)
ओसामा
रहमान कुरैशी (आगरा से)
अबु तालिब (मुजफ्फरनगर से)
अब्दुर्रहमान (देहरादून से)
मुहम्मद इब्राहिम उर्फ रिथ बानिक (जयपुर से)
जुनैद कुरैशी
मुहम्मद अली उर्फ पीयूष पवार
मुस्तफा उर्फ मनोज (दिल्ली से)
मास्टरमाइंड कौन?
इस गिरोह के पीछे दिल्ली निवासी रहमान का नाम सामने आया है, जो पहले से ही एटीएस की नजर में रहे उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी का करीबी है। ये दोनों पहले भी बड़े स्तर पर अवैध धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं।
उद्देश्य क्या था?
डीजीपी राजीव कृष्ण के मुताबिक, गिरोह का मकसद सिर्फ मतांतरण नहीं था, बल्कि देश में जनसांख्यिकीय बदलाव और सुरक्षा को कमजोर करना भी था। इसके लिए ये लोग लव जिहाद, हवाला नेटवर्क, डार्क वेब, और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे।
मतांतरण के बाद युवतियों को आत्मघाती हमलों और देश विरोधी गतिविधियों के लिए ब्रेनवॉश किया जा रहा था। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका था।
फंडिंग और आतंकी संबंध
जांच में पता चला है कि गिरोह को कनाडा, अमेरिका, इंग्लैंड और दुबई से फंडिंग मिल रही थी। गिरोह के संबंध लश्कर-ए-तैयबा और पीएफआई जैसे खतरनाक संगठनों से भी जुड़े हैं। इसके अलावा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से भी तार जुड़ने के प्रमाण मिले हैं।
कार्रवाई की स्थिति
सभी आरोपियों को आगरा कोर्ट से गैर-जमानती वारंट मिलने के बाद गिरफ्तार किया गया है। इन्हें 10 दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। STF और ATS को इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच करने की जिम्मेदारी दी गई है। आने वाले समय में और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।
यह मामला केवल अवैध धर्मांतरण का नहीं, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस रैकेट के हर पहलू की जांच कर रही हैं, ताकि इस तरह के कट्टरपंथी और देश विरोधी नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जा सके। जनता से भी अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
A massive illegal religious conversion racket inspired by ISIS tactics has been busted by Indian authorities. The gang targeted young Hindu girls, using manipulation, threats, and radical Islamist videos to convert them to Islam and push them toward extremism. Operating across six Indian states, the syndicate had ties with terrorist organizations like Lashkar-e-Taiba (LeT) and the banned Popular Front of India (PFI), and received foreign funding from countries like Canada, USA, Dubai, and the UK. Ten accused have been arrested as part of the coordinated crackdown.