AIN NEWS 1: बांग्लादेश में हिंदू धार्मिक संस्था इस्कॉन (International Society for Krishna Consciousness) और उससे जुड़े 17 व्यक्तियों के लिए नई परेशानी सामने आई है। बांग्लादेशी अधिकारियों ने इन व्यक्तियों के बैंक खातों को 30 दिनों के लिए फ्रीज करने का आदेश दिया है। इनमें इस्कॉन के 16 सदस्य और पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी का नाम भी शामिल है। चिन्मय को हाल ही में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
मामले का विस्तार
बांग्लादेश के अधिकारियों ने जिन 17 व्यक्तियों के बैंक खातों को फ्रीज किया है, उनमें से एक प्रमुख नाम चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी का है। चिन्मय को इस सप्ताह के शुरू में बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद, बांग्लादेश सरकार ने इस्कॉन से जुड़े 16 अन्य सदस्यों के खातों को भी अस्थायी रूप से फ्रीज कर दिया। इन खातों के फ्रीज होने के कारण इन व्यक्तियों की वित्तीय गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
बांग्लादेश में इस्कॉन की स्थिति
इस्कॉन, जो एक प्रमुख हिंदू धर्म संगठन है, लंबे समय से बांग्लादेश में सक्रिय है और वहां के हिंदू समुदाय के बीच धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। हालांकि, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की स्थिति पहले ही संवेदनशील है, और इस तरह की कार्रवाई ने धार्मिक असहमति और तनाव को और बढ़ा दिया है।
चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी
चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी को लेकर बांग्लादेश सरकार ने यह आरोप लगाया था कि वह देश की सत्ता को चुनौती देने वाली गतिविधियों में शामिल थे। उन्हें बांग्लादेश में भड़काऊ बयानबाजी करने और धार्मिक उन्माद फैलाने का दोषी ठहराया गया। इस गिरफ्तारी के बाद इस्कॉन के अन्य सदस्यों के खिलाफ भी जांच शुरू की गई थी।
बैंक खाते फ्रीज करने का आदेश
बांग्लादेशी अधिकारियों ने चिन्मय समेत अन्य इस्कॉन के सदस्यों के बैंक खातों को फ्रीज करने का कदम तब उठाया, जब यह संदेह जताया गया कि इन खातों के माध्यम से अवैध वित्तीय लेन-देन हो रहे हैं। इस कार्रवाई से इन व्यक्तियों की वित्तीय गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हो रही है, और यह इस्कॉन के बांग्लादेश स्थित संगठन के संचालन को भी प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष
बांग्लादेश में इस्कॉन और इसके सदस्यों के खिलाफ यह कार्रवाई धार्मिक और राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकती है। फिलहाल, बांग्लादेश सरकार का यह कदम इस बात पर आधारित है कि इन व्यक्तियों के खिलाफ गहरी जांच की जा रही है। इसके परिणामस्वरूप, यह देखना बाकी है कि क्या इस्कॉन के सदस्यों के बैंक खातों के फ्रीज होने से इस धार्मिक संगठन की स्थिति पर और असर पड़ेगा।