AIN NEWS 1 | मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध की लपटों में घिर गया है। इजरायल और यमन के हूती विद्रोहियों के बीच छिड़ी यह जंग अब नए मोड़ पर पहुंच चुकी है। इजरायली सेना ने यमन की राजधानी सना पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिसमें पावर प्लांट, गैस स्टेशन और सैन्य ठिकाने तबाह हो गए। इस हमले से न केवल दर्जनों लोग घायल हुए बल्कि राजधानी के बड़े हिस्से में दहशत फैल गई।
हमला कब और क्यों हुआ?
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IDF IN A MASSIVE STRIKE IN YEMENAfter the launch of a cluster missile and a drone towards Israel in the past few days, the Israeli Airforce together with the Israeli navy now began a wave of attacks in more than 15 Houthi targets in South-East Yemen.
Several Houthi… pic.twitter.com/60dpoJ5Foq
— Voice From The East (@EasternVoices) August 24, 2025
22 अगस्त 2025 को इजरायल की ओर से यह जवाबी कार्रवाई की गई। इससे कुछ दिन पहले हूती विद्रोहियों ने इजरायल पर मिसाइल दागी थी, जिसमें क्लस्टर बम का इस्तेमाल किया गया। यह पहली बार था जब हूतियों ने इजरायल पर इस तरह का हमला किया। इजरायल ने इसे एक बड़ा खतरा मानते हुए कड़ा कदम उठाया।
कौन-कौन सी जगहें बनीं निशाना?
पावर प्लांट और ऊर्जा केंद्र – सना के प्रमुख बिजली संयंत्र को निशाना बनाया गया। इससे शहर के बड़े हिस्से में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई।
गैस स्टेशन – ईंधन का एक बड़ा भंडार पूरी तरह नष्ट हो गया, जिससे आग के विशाल गोले आसमान में उठते दिखे।
सैन्य ढांचे – रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रपति भवन से सटे एक सैन्य ढांचे को भी बमबारी में तबाह कर दिया गया।
कितने लोग प्रभावित हुए?
हूती नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस हमले में 2 लोगों की मौत हुई और 35 से अधिक लोग घायल हुए। आसपास के घरों की खिड़कियां टूट गईं, दीवारें हिल गईं और नागरिकों में अफरा-तफरी मच गई।
इजरायल का दावा
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा कि जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनका इस्तेमाल हूती विद्रोही सैन्य गतिविधियों के लिए कर रहे थे।
आईडीएफ ने यह भी कहा कि हूती विद्रोही ईरान के इशारे पर काम करते हैं, ताकि इजरायल और उसके सहयोगियों को नुकसान पहुंचाया जा सके।
इजरायल ने साफ किया कि यह कार्रवाई “सिर्फ रक्षा के लिए” की गई है और आगे भी अगर ऐसे हमले हुए तो जवाब और भी कड़ा होगा।
हूतियों का पक्ष
हूती विद्रोही दावा करते हैं कि वे यह हमले गाजा युद्ध को लेकर फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कर रहे हैं। पिछले दो सालों से हूती इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन दाग रहे हैं और लाल सागर में जहाजों को भी निशाना बना रहे हैं।
स्थानीय लोगों का अनुभव
सना में राष्ट्रपति भवन के आसपास रहने वाले नागरिकों ने कहा कि धमाके इतने जोरदार थे कि उनके घर हिल गए और खिड़कियां चटक गईं।
एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “ऐसा लगा जैसे पूरा इलाका धराशायी हो जाएगा।”
लोग घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए, कुछ परिवार बच्चों को लेकर शहर छोड़ने लगे।
क्यों खतरनाक है क्लस्टर बम?
यह विवाद इसलिए भी गहरा गया क्योंकि हूतियों ने इजरायल पर क्लस्टर बम से हमला किया था।
क्लस्टर बम हवा में फटकर छोटे-छोटे बम गिराता है, जिससे बड़े क्षेत्र में तबाही होती है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे अत्यधिक खतरनाक और प्रतिबंधित हथियार माना जाता है क्योंकि यह अक्सर नागरिकों को निशाना बनाता है।
इजरायल का कहना है कि यह उनकी सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है।
विशेषज्ञों की राय
मध्य पूर्व मामलों के जानकारों का मानना है कि यह संघर्ष ईरान बनाम इजरायल की परोक्ष जंग का हिस्सा है।
हूती, ईरान समर्थित हैं और उनकी रणनीति इजरायल को दबाव में लाने की है।
वहीं, इजरायल किसी भी नए खतरे को तुरंत कुचलना चाहता है ताकि उसकी सुरक्षा पर सवाल न उठे।
क्षेत्रीय असर
यह हमला केवल यमन या इजरायल तक सीमित नहीं है। इसका असर पूरे मध्य पूर्व पर पड़ सकता है:
लाल सागर की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है क्योंकि हूती जहाजों को लगातार निशाना बना रहे हैं।
तेल और गैस की आपूर्ति पर असर हो सकता है, जिससे वैश्विक बाजार में उथल-पुथल मच सकती है।
गाजा युद्ध की वजह से अरब देशों में पहले से तनाव है और इस तरह की कार्रवाई माहौल को और भड़का सकती है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र और कई मानवाधिकार संगठनों ने इस स्थिति पर चिंता जताई है।
उन्होंने दोनों पक्षों से संयम बरतने और नागरिकों को निशाना न बनाने की अपील की है।
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भी इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार को मानते हुए, हिंसा रोकने का आग्रह किया।
इजरायल और हूती विद्रोहियों के बीच बढ़ता यह संघर्ष मध्य पूर्व को और अस्थिर कर रहा है।
जहां इजरायल इसे अपनी सुरक्षा का सवाल मान रहा है, वहीं हूती इसे फिलिस्तीन के समर्थन का प्रतीक बताते हैं।
लेकिन इस जंग में सबसे ज्यादा कीमत आम नागरिक चुका रहे हैं, जो न घरों में सुरक्षित हैं, न सड़कों पर।