Sunday, February 23, 2025

जाति के सवालों पर जगन मोहन रेड्डी का बयान: “मैं मानवता का हिस्सा हूँ”?

- Advertisement -
Ads
- Advertisement -
Ads

AIN NEWS 1 विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने जाति के मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि उनके बारे में कई सवाल उठाए जा रहे हैं, विशेष रूप से उनकी जाति को लेकर। रेड्डी ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो विभिन्न धर्मों का सम्मान करते हैं और मानवता को प्राथमिकता देते हैं।

रेड्डी ने कहा, “मैं अपने घर पर बाइबिल पढ़ता हूँ, और मैं हिंदू धर्म, इस्लाम और सिख धर्म का सम्मान करता हूँ। मैं मानवता के समुदाय का हिस्सा हूँ।” उन्होंने अपने धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा कि संविधान में क्या लिखा है, इसे समझना जरूरी है।

उन्होंने विशेष रूप से मंदिरों में जाती आधारित भेदभाव पर सवाल उठाया। उनका कहना था, “अगर एक व्यक्ति जो मुख्यमंत्री के समान है, उसे मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है, तो मुझे यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि दलितों के साथ कैसे व्यवहार किया जाएगा।” इस बयान के माध्यम से उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता की आवश्यकता को उजागर किया।

रेड्डी के इस बयान का उद्देश्य जातिवाद के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना और सभी समुदायों के लिए समान अधिकारों की मांग करना है। उन्होंने कहा कि समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करना चाहिए और सभी को बराबरी का हक मिलना चाहिए।

इस संदर्भ में उन्होंने जातिगत पहचान के बजाय मानवता की पहचान को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका मानना है कि एक समर्पित समाज केवल तभी विकसित हो सकता है जब सभी को समान मान्यता और सम्मान मिले।

जगन मोहन रेड्डी के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। उनके समर्थकों ने इस दृष्टिकोण को सराहा है, जबकि विरोधी उनकी बातों को राजनीति के रूप में देख रहे हैं।

उनका यह कहना कि “मैं मानवता का हिस्सा हूँ,” एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो जातिवाद के खिलाफ एक सशक्त आवाज के रूप में उभरा है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज को जातियों में बंटने के बजाय एकजुट होने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए यह वक्त है कि वे जातिगत भेदभाव के खिलाफ खड़े हों और समानता के लिए लड़ें। जगन मोहन रेड्डी का यह बयान इस दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है, जो अन्य नेताओं को भी इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए प्रेरित कर सकता है।

इस प्रकार, जगन मोहन रेड्डी ने जातिवाद के खिलाफ एक सशक्त संदेश दिया है, जो न केवल आंध्र प्रदेश बल्कि पूरे देश में समानता और सामाजिक न्याय की मांग को बढ़ावा देगा। उनका बयान हमें याद दिलाता है कि जाति से परे मानवता ही सबसे बड़ी पहचान है।

 

 

- Advertisement -
Ads
AIN NEWS 1
AIN NEWS 1https://ainnews1.com
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement
Polls
Trending
Rashifal
Live Cricket Score
Weather Forecast
Latest news
Related news
- Advertisement -
कुंभ में कोई खो जाए तो क्या करें? तुरंत उठाएं ये जरूरी कदम! किस गाय का दूध सबसे स्वादिष्ट होता है? भारत का गोल्ड एटीएम: एक अनोखी पहल rusk factory video shared by doctor saying why children should not be fed rusk Heavy Rainfall in India, Various cities like Delhi, Gurgaon suffers waterlogging