AIN NEWS 1 : पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का भव्य आयोजन शुरू हो गया है। इस साल की रथ यात्रा 12 दिनों तक चलेगी और पहले ही दिन लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पुरी के जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा को पारंपरिक अनुष्ठान के साथ रथों पर बैठाया गया और यात्रा की शुरुआत हुई।
रथ यात्रा की शुरुआत और पहांडी अनुष्ठान
पुरी के 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर में ‘पहांडी अनुष्ठान’ की शुरुआत हुई। इस दौरान त्रिदेवों को गाजे-बाजे और भक्तों की जयकारों के बीच रथों तक ले जाया गया। सबसे पहले भगवान विष्णु के चक्र रूप ‘सुदर्शन’ को देवी सुभद्रा के रथ पर बैठाया गया, फिर भगवान बलभद्र को उनके ‘तालध्वज रथ’ पर और अंत में भगवान जगन्नाथ को उनके रथ पर विराजमान कराया गया।
श्रद्धालुओं की भीड़ और सुरक्षा इंतजाम
पुरी में इस बार 10 से 12 लाख भक्तों के जुटने का अनुमान है। इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने बड़े स्तर पर सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
200 से ज्यादा पुलिस प्लाटून
CAPF की 8 कंपनियां
RAF की 3 कंपनियां
NSG कमांडो और स्नाइपर्स
ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम
कोस्ट गार्ड और एंटी-सैबोटेज यूनिट भी तैनात की गई हैं।
ओडिशा पुलिस के ADG संजय कुमार ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत किसी भी असामाजिक तत्व की गतिविधियों को रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
अहमदाबाद में हाथी हुआ बेकाबू
रथ यात्रा के दौरान अहमदाबाद में एक हाथी बेकाबू हो गया, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस, डॉक्टरों और फायर ब्रिगेड की टीम ने हाथी को जल्दी ही नियंत्रित कर लिया और किसी भी बड़े हादसे को टाल दिया।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की शुभकामनाएं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को इस पावन अवसर पर बधाई दी और भगवान जगन्नाथ से देश की समृद्धि और शांति की कामना की।
मुख्यमंत्री और मंत्रीगणों की भावनाएं
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रथ यात्रा की बधाई देते हुए कहा कि भगवान जगन्नाथ की कृपा से राज्य में हर घर में खुशहाली आए।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह पर्व भारत की सनातन संस्कृति की प्राचीनता और एकता का प्रतीक है, जो दुनिया भर के लोगों को जोड़ता है।
विदेशों तक फैली भक्ति की छाया
पुरी रथ यात्रा में इस बार अमेरिका में रहने वाली इक्वाडोर की महिला भक्त भी शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ के दर्शन उनके लिए सपने के पूरे होने जैसा अनुभव है।
अन्य जगहों से अपडेट
इस्कॉन कोलकाता में भी भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को रथों पर विराजमान किया गया।
पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा जगन्नाथ मंदिर में भी श्रद्धालु रथ यात्रा के उल्लास में डूबे नजर आए।
जगन्नाथ रथ यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, एकता और संस्कृति का उत्सव है। पुरी से लेकर अहमदाबाद, कोलकाता और विदेशों तक फैली यह परंपरा भारतीय मूल्यों की गहराई को दर्शाती है। भक्तों की श्रद्धा, सरकार की सतर्कता और सांस्कृतिक एकता – यह सब मिलकर रथ यात्रा को विश्व मंच पर एक अद्वितीय पहचान दिलाते हैं।
The Jagannath Rath Yatra 2025 in Puri and Ahmedabad witnessed massive crowds and spiritual fervor as Lord Jagannath, Lord Balabhadra, and Devi Subhadra began their divine journey on grand chariots. With heavy security deployment including NSG teams, anti-drone systems, and Odisha Police platoons, the festival remains one of the most iconic Hindu religious processions. Devotees across India and even from foreign countries like Ecuador gathered for live darshan of Lord Jagannath, showcasing the global spiritual significance of this ancient Sanatan festival.