AIN NEWS 1 | भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह फैसला ऐसे समय में आया जब संसद का मानसून सत्र शुरू हो चुका है, और भाजपा अपनी आंतरिक राजनीति में बड़े बदलाव की तैयारी में है। धनखड़ ने अपने इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य कारणों को बताया है, लेकिन इसके पीछे कहीं न कहीं राजनीतिक समीकरण भी नजर आ रहे हैं।
अब सवाल उठता है कि इस इस्तीफे से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के भीतर क्या नया खेल शुरू हो सकता है?
BJP के सामने अब दो बड़ी जिम्मेदारियां
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब भाजपा पहले से ही अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश में जुटी हुई है। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो गया था, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों के चलते इसे बढ़ा दिया गया था। चुनाव बीत चुके हैं, अब पार्टी नड्डा की जगह किसी नए चेहरे को सामने लाना चाहती है।
अब जब उपराष्ट्रपति का पद भी खाली हो गया है, तो भाजपा को दो अहम फैसले जल्दी लेने होंगे:
नया राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त करना
उपराष्ट्रपति के पद के लिए योग्य उम्मीदवार खोजना
भाजपा को किस तरह के उपराष्ट्रपति की तलाश?
उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। भाजपा अब ऐसे व्यक्ति की तलाश में होगी जिसे संविधानिक कार्यों की अच्छी समझ हो और जो पार्टी की दीर्घकालिक रणनीतियों में मदद कर सके।
भाजपा आने वाले 2029 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किसी ऐसे नेता को इस पद पर बैठाना चाहेगी जो उस चुनाव में भी अहम भूमिका निभा सके। यानी कि सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से मजबूत और अनुभवी उम्मीदवार की जरूरत है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए जरूरी योग्यता क्या है?
अगर आप जानना चाहते हैं कि कोई व्यक्ति भारत का उपराष्ट्रपति कैसे बन सकता है, तो यह योग्यताएं जरूरी हैं:
भारत का नागरिक हो।
कम से कम 35 साल की उम्र हो।
राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने की योग्यता होनी चाहिए।
भारत सरकार, राज्य सरकार या किसी अन्य स्थानीय निकाय में लाभ के पद पर कार्यरत न हो।
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया क्या कहती है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, अगर उपराष्ट्रपति का पद किसी कारणवश खाली हो जाता है—चाहे वह मृत्यु हो, इस्तीफा हो या पद से हटाया जाना—तो उस पद को जल्द से जल्द भरना अनिवार्य है।
इसका मतलब ये हुआ कि चुनाव आयोग को अब जल्द ही उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखों की घोषणा करनी होगी।
धनखड़ का इस्तीफा: सिर्फ स्वास्थ्य कारण या कुछ और?
हालांकि जगदीप धनखड़ ने अपना इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए दिया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इसके पीछे भाजपा की आंतरिक राजनीति और नेतृत्व परिवर्तन की रणनीति हो सकती है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि भाजपा अक्सर अपने शीर्ष पदों पर ऐसे चेहरे लाती है जो न केवल राजनीतिक रूप से कुशल होते हैं, बल्कि भविष्य की योजनाओं को भी मजबूती से आगे ले जा सकते हैं।
नड्डा के बाद कौन?
जेपी नड्डा का कार्यकाल औपचारिक रूप से खत्म हो चुका है। पार्टी में अब यह बहस चल रही है कि अगला अध्यक्ष कौन हो सकता है? यह व्यक्ति ऐसा होना चाहिए जो 2029 के आम चुनावों तक पार्टी को एकजुट रख सके, नई पीढ़ी से जुड़ सके और संगठनात्मक शक्ति को बनाए रखे।
इस संदर्भ में उपराष्ट्रपति पद के लिए जो नया चेहरा सामने आएगा, वह भी भाजपा की राजनीतिक दिशा को दर्शा सकता है।
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा केवल एक संवैधानिक प्रक्रिया भर नहीं है, बल्कि इसके पीछे राजनीति की बड़ी चाल भी छिपी हो सकती है। भाजपा अब दो अहम मोर्चों पर एक साथ सक्रिय है—नया पार्टी अध्यक्ष और नया उपराष्ट्रपति। आने वाले दिनों में यह तय होगा कि भाजपा इन दोनों पदों पर किसे लाकर अपनी राजनीतिक दिशा को और मजबूत बनाती है।
Jagdeep Dhankhar’s resignation from the post of Vice President of India has stirred political speculation, especially with the BJP already seeking a new national president after JP Nadda’s extended term. The dual vacancy comes at a time when BJP is strategizing for the 2029 Lok Sabha elections. This sudden development forces the party to swiftly manage constitutional responsibilities while balancing internal leadership dynamics. Key issues now include the upcoming Vice Presidential election and identifying a suitable BJP president to carry the party’s vision forward.