AIN NEWS 1: जैसलमेर, राजस्थान में मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां ट्यूबवेल के लिए बोरिंग की खुदाई की जा रही थी, और अचानक जमीन फट गई। इस घटना में ट्रक समेत पूरी मशीन जमीन में समा गई, और नीचे से पानी का सैलाब उफान मारने लगा। यह नजारा देख स्थानीय लोग और आसपास के ग्रामीण दहशत में आ गए हैं।
घटना का विवरण
यह घटना मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र में हुई, जहां ट्यूबवेल की खुदाई चल रही थी। खुदाई के दौरान जमीन अचानक धंस गई और बोरिंग मशीन सहित ट्रक भी उसमें समा गए। वीडियो में यह देखा जा सकता है कि जैसे ही जमीन फटी, पानी का तेज बहाव भी उत्पन्न हुआ। इस दृश्य ने आसपास के लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया और वे तुरंत इस घटना से बचने के लिए भागने लगे। पानी का सैलाब देख लोग दहशत में थे और समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर क्या हो रहा है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि यह इलाका एक ऐतिहासिक स्थान पर स्थित है, जहां कभी सरस्वती नदी बहा करती थी। यह नदी अब लुप्त हो चुकी है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस इलाके में नदी के पानी का पुराना रास्ता अभी भी मौजूद हो सकता है। जहां पर यह घटना हुई, वह स्थान रेत के विशाल समंदर के बीच में है। विशेषज्ञों के अनुसार, वहां पानी के सैलाब का उत्पन्न होना इस बात का संकेत हो सकता है कि सरस्वती नदी का पुराना जल मार्ग अब भी दबा हुआ है।
गांववालों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद आसपास के गांववालों में डर और घबराहट का माहौल था। लोगों का कहना था कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना घटी हो, लेकिन इस बार पानी का सैलाब देखना किसी के लिए भी अजीब था। लोग यह समझ नहीं पा रहे थे कि यह पानी अचानक कहां से आ गया। ग्रामीणों का कहना था कि ऐसे किसी हादसे के बाद उनकी सुरक्षा की चिंताएं और बढ़ गई हैं, क्योंकि आसपास के इलाके में पानी का बहाव और बोरिंग से जुड़ी घटनाएं बढ़ सकती हैं।
आगे की योजना
स्थानीय प्रशासन और जल संसाधन विभाग इस मामले की जांच कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं के लिए इलाके की विशेष भौगोलिक स्थिति जिम्मेदार हो सकती है। हालांकि, घटना की विस्तृत जांच के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि पानी का सैलाब कहां से आया और इसके कारण क्या हो सकते हैं।
जैसलमेर के इस क्षेत्र में घटित यह घटना ना सिर्फ तकनीकी रूप से चौंकाने वाली है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संकेत भी है कि इस इलाके की जलवायु और भूगर्भीय संरचना पर और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। यहां के निवासियों को अब यह समझने की जरूरत है कि ऐसे हादसे कैसे घटित हो सकते हैं और इससे बचने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।