AIN NEWS 1 लखनऊ, 23 दिसंबर 2024: उत्तर प्रदेश और जापान के बीच औद्योगिक साझेदारी, पर्यटन, और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जापान के यामानाशी प्रांत के गवर्नर कोटारो नागासाकी के नेतृत्व में जापानी प्रतिनिधिमंडल ने एक ऐतिहासिक एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगा, विशेष रूप से उद्योग, पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने में मदद करेगा।
सीएम योगी ने की जापान के योगदान की सराहना
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत और जापान के बीच संबंध सदियों पुराने हैं, जो रणनीतिक, सांस्कृतिक और वैश्विक स्तर पर गहरे जुड़े हुए हैं। दोनों देशों की लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष प्रणालियाँ समान हैं, जो उनके रिश्तों को और मजबूत बनाती हैं। योगी ने कहा, “उत्तर प्रदेश अनलिमिटेड पोटेंशियल (असीम संभावनाओं) वाला प्रदेश है और जापान इस क्षेत्र का लाभ उठाएगा। जापान का उत्तर प्रदेश में योगदान बहुमूल्य रहेगा। हम जापानी कंपनियों के साथ सहयोग के लिए उत्साहित हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में जापान का महत्वपूर्ण सहयोग मिला और अब यह एमओयू भारत और जापान के संबंधों को और सशक्त बनाएगा।
यामानाशी प्रांत के गवर्नर का उत्तर प्रदेश में स्वागत
यामानाशी प्रांत के गवर्नर कोटारो नागासाकी ने कहा कि जापान और उत्तर प्रदेश के बीच ऐतिहासिक और आध्यात्मिक संबंध हैं। उन्होंने एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए कहा, “जापान उत्तर प्रदेश में कौशल विकास, नवीकरणीय ऊर्जा, हाइड्रो पावर और ज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, जापानी कंपनियों की सफलता उत्तर प्रदेश में उनके निवेश के लिए एक मजबूत आधार तैयार करती है।”
जापानी प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के संसाधन, बुनियादी ढांचे और नीतियों को लेकर भी चर्चा की। यामानाशी प्रांत के गवर्नर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 1,400 से अधिक जापानी कंपनियाँ काम कर रही हैं और इस एमओयू के बाद भारत और जापान के रिश्तों में और मजबूती आएगी।
यूपी में निवेश के नए अवसर
उत्तर प्रदेश, जो कि भारत का सबसे बड़ा श्रमिक और उपभोक्ता बाजार है, अब जापान से और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तर प्रदेश में सात प्रमुख जापानी कंपनियाँ पहले से कार्यरत हैं, जिनमें मित्सुई टेक्नोलॉजीज, होंडा मोटर्स, यामाहा मोटर्स, डैसो, टोयोड्रिंक, निसिन एबीसी लाजिस्टिक्स और सेकिसुई डीएलजेएम मोल्डिंग शामिल हैं। इन कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश किया है और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश के स्टार्टअप्स को भी जापान से निवेश मिलने की उम्मीद है, विशेष रूप से डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में। जापान के प्रतिनिधिमंडल ने भी मुख्यमंत्री से यह आग्रह किया कि वे जापान को अपना दूसरा घर मानें और वहां यात्रा करने का निमंत्रण दिया।
जापानी प्रतिनिधिमंडल ने किया विधानसभा का दौरा
इस दौरान जापानी प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश विधानसभा का दौरा किया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने प्रतिनिधिमंडल को विधानसभा के ऐतिहासिक महत्व और हाल के परिवर्तनों के बारे में जानकारी दी। महाना ने कहा कि उत्तर प्रदेश इस समय देश को आर्थिक और औद्योगिक विकास में नेतृत्व प्रदान कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में तेज़ी से हाईवे और औद्योगिक परियोजनाएँ विकसित हो रही हैं, जिससे निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हो रहा है।
पर्यटन विभाग की सक्रियता
जापानी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत पर्यटन विभाग द्वारा भी किया गया। इस दौरान प्रदेश में स्थित प्रमुख बौद्ध सर्किट और अन्य पर्यटन स्थलों की जानकारी उन्हें दी गई। विशेष रूप से, महाकुंभ-2025 के आयोजन के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया। प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन, मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि उत्तर प्रदेश में भगवान राम, भगवान शिव, और भगवान बुद्ध से जुड़े कई प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं। इनमें काशी, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, कौशांबी, और कपिलवस्तु जैसे स्थान शामिल हैं, जो श्रद्धालुओं से भरे रहते हैं।
उत्तर प्रदेश में जापान के लिए संभावनाएँ
मुख्यमंत्री योगी ने जापान को उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए असीम अवसर दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में 7,600 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत किए गए हैं, और अब जापान के निवेशक इस क्षेत्र में और अधिक रुचि दिखा सकते हैं। विशेष रूप से, डिफेंस और एयरोस्पेस क्षेत्र में स्टार्टअप्स के लिए अवसर बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जापान को उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर इसके विशाल श्रमिक और उपभोक्ता बाजार का लाभ उठाना चाहिए। उत्तर प्रदेश में बने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए जापान का समर्थन और निवेश महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
यह समझौता उत्तर प्रदेश और जापान के बीच औद्योगिक, पर्यटन, और शिक्षा के क्षेत्र में साझेदारी को और सशक्त बनाने का महत्वपूर्ण कदम है। दोनों देशों के बीच सहयोग से उत्तर प्रदेश में रोजगार, निवेश, और आर्थिक विकास को नया आयाम मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जापानी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए यह भी कहा कि जापान के साथ संबंधों में इस नए अध्याय के बाद दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक और सामरिक सहयोग मजबूत होगा।
उत्तर प्रदेश, जो पहले से एक प्रमुख आर्थिक और औद्योगिक केंद्र बन चुका है, अब जापान के साथ अपनी साझेदारी को और भी अधिक मजबूत करने के लिए तैयार है।