AIN NEWS 1 | कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 की आधिकारिक घोषणा हो चुकी है। 30 जून 2025 से यह यात्रा एक बार फिर शुरू हो रही है, जो कि अगस्त तक चलेगी। कोरोना महामारी के कारण यह पवित्र यात्रा पिछले पांच वर्षों से बंद थी, लेकिन अब भक्तों के लिए स्वर्ग का रास्ता दोबारा खुलने जा रहा है।
📍 यात्रा का नया रूट और संचालन
इस यात्रा का संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) द्वारा किया जाएगा। पहले यह यात्रा काठगोदाम और अल्मोड़ा के रास्ते होती थी, लेकिन अब नया मार्ग टनकपुर से चंपावत होते हुए पिथौरागढ़ के लिपुलेख पास तक जाएगा। यात्रा की शुरुआत नई दिल्ली से होगी।
🕉 कैलाश और मानसरोवर का धार्मिक महत्व
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कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है।
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यह पर्वत जैन धर्म के पहले तीर्थंकर ऋषभदेव, बौद्ध धर्म में डेमचोक और बोन धर्म में स्वास्तिक पर्वत के रूप में पूजित है।
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वहीं, मानसरोवर झील को बेहद पवित्र माना जाता है। यहां स्नान करने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का विश्वास है।
📚 इतिहास और मान्यताएं
कैलाश मानसरोवर यात्रा प्राचीन काल से चली आ रही है। यह यात्रा केवल एक पर्यटन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है, जो दुनिया भर के श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। यह यात्रा हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
2025 की यह यात्रा ना केवल धार्मिक दृष्टि से अहम है, बल्कि यह एक नई शुरुआत भी है—जहां श्रद्धा, भक्ति और साहस मिलकर आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खोलते हैं। अगर आप भगवान शिव के साक्षात दर्शन करना चाहते हैं, तो कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 आपके लिए एक स्वर्णिम अवसर है।
Kailash Mansarovar Yatra 2025 will resume from June 30, 2025, after being suspended for five years due to the COVID-19 pandemic. The yatra will begin from Delhi and proceed via Lipulekh Pass in Pithoragarh, Uttarakhand. Organized by Kumaon Mandal Vikas Nigam, this sacred pilgrimage to Mount Kailash and Mansarovar Lake holds deep spiritual significance for followers of Hinduism, Buddhism, Jainism, and Bon religion. It is considered the abode of Lord Shiva and offers a profound spiritual experience to pilgrims worldwide.