Kanwar Yatra 2025: Schools and Colleges to Remain Closed in Muzaffarnagar from 16 to 23 July
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा का माहौल पूरी तरह बन चुका है। भक्तगण हरिद्वार से जल भरकर अपने-अपने क्षेत्रों की ओर लौटने की तैयारी में हैं। ऐसे में कई जिलों में यात्रा के दौरान कानून व्यवस्था और यातायात नियंत्रण एक चुनौती बन जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है।
स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद
मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने 16 जुलाई से 23 जुलाई तक जिले के सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। यह आदेश सरकारी, गैर-सरकारी, सहायता प्राप्त व निजी सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों पर लागू होगा।
इस 8 दिनों की छुट्टी का मुख्य कारण है कांवड़ यात्रा के दौरान जिले से होकर गुजरने वाले कांवड़ रूट पर होने वाला भारी यातायात दबाव। कांवड़ियों की भारी संख्या के चलते कई बार मुख्य मार्गों को बंद करना या डायवर्ट करना पड़ता है। इसके कारण छात्रों और शिक्षकों के स्कूल तक पहुंचने में असुविधा होती है।
डीएम का बयान
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा का कहना है कि यह निर्णय पूरी तरह छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। “कांवड़ यात्रा के दौरान ट्रैफिक डायवर्जन के कारण स्कूल आने-जाने में परेशानी होती है और सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा है। इसलिए यह एहतियातन निर्णय लिया गया है,” उन्होंने कहा।
आदेश किन्हें लागू होगा?
सभी सरकारी स्कूल
सभी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय
इंटर कॉलेज
उच्च शिक्षण संस्थान
डिग्री कॉलेज
इन सभी को 16 जुलाई से 23 जुलाई तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है।
क्यों है ज़रूरी यह फैसला?
कांवड़ यात्रा एक विशाल धार्मिक आयोजन है जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। ये लोग हरिद्वार, गंगोत्री जैसे पवित्र स्थलों से जल लेकर अपने-अपने शिव मंदिरों तक पैदल या वाहनों से पहुंचते हैं। इस दौरान पूरे रास्ते पर एक अलग ही वातावरण होता है – जयकारे, लाउडस्पीकर, संगीत, और हजारों कांवड़िए।
यात्रा के दौरान सड़कें बेहद व्यस्त हो जाती हैं। कांवड़ मार्गों को अक्सर आम जनता के लिए बंद कर दिया जाता है या फिर ट्रैफिक डायवर्जन किया जाता है। इससे आम लोगों को और खासतौर पर छात्रों व शिक्षकों को खासी दिक्कत होती है।
अन्य जिलों में क्या स्थिति है?
अब तक केवल मुजफ्फरनगर से स्कूल-कॉलेज बंद करने का आधिकारिक आदेश आया है। अन्य जिलों जैसे मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, हरदोई, बागपत आदि में अभी तक कोई औपचारिक आदेश सामने नहीं आया है। हालांकि, इन जिलों में भी यदि ट्रैफिक दबाव या सुरक्षा से जुड़ी स्थिति बनी तो वहां भी छुट्टियों की घोषणा की जा सकती है।
AIN NEWS 1 जैसे प्रमुख मीडिया प्लेटफॉर्म इन घटनाओं पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और जैसे ही किसी और जिले से नई सूचना आती है, तुरंत अपडेट किया जाएगा।
छात्रों और अभिभावकों को क्या करना चाहिए?
मुजफ्फरनगर जिले में रहने वाले छात्रों और अभिभावकों को चाहिए कि वे इस 8 दिनों की छुट्टियों का सही उपयोग करें। यदि बच्चों की परीक्षाएं या कोचिंग चल रही हैं तो वैकल्पिक तैयारी घर पर ही सुनिश्चित करें। वहीं, स्कूल प्रबंधन को भी चाहिए कि वे छुट्टियों के बाद पढ़ाई की रिकवरी की योजना बनाएं।
क्या यह हर साल होता है?
जी हां, कांवड़ यात्रा का प्रभाव उत्तर भारत के कई जिलों में दिखाई देता है। विशेषकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों में यह आम बात है कि स्कूल-कॉलेज कुछ दिन बंद किए जाते हैं। सुरक्षा, ट्रैफिक और धार्मिक आयोजन की मर्यादा को बनाए रखने के लिए प्रशासन हर साल यह निर्णय लेता है।
कांवड़ यात्रा एक आस्था का पर्व है, लेकिन इसका आयोजन इतने बड़े स्तर पर होता है कि प्रशासन को कई एहतियाती कदम उठाने पड़ते हैं। मुजफ्फरनगर प्रशासन का यह निर्णय कि 8 दिन तक स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे, छात्रों और अभिभावकों की सुरक्षा को देखते हुए बिलकुल उचित है।
बाकी जिलों में छुट्टी को लेकर स्थिति साफ नहीं है, लेकिन जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे अन्य जिलों के प्रशासन भी फैसले ले सकते हैं। आप तक हर अपडेट पहुंचाने के लिए हम तैयार हैं।
Due to Kanwar Yatra 2025, the Muzaffarnagar district administration has ordered the closure of all schools and colleges from July 16 to July 23. The decision was made considering the heavy rush of devotees, traffic diversions, and potential inconvenience. DM Umesh Mishra stated that this move ensures the safety of students and staff. While Muzaffarnagar has confirmed closures, no official orders have been issued for other districts yet.