पहलगाम आतंकी हमले पर कपिल सिब्बल का बड़ा बयान: प्रधानमंत्री को दिए खास सुझाव, कहा– “संसद सत्र बुलाएं, दुनिया को दिखाएं भारत की एकता”!

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Kapil Sibal Urges Special Parliament Session and Global Diplomacy After Pahalgam Terror Attack

पहलगाम आतंकी हमले पर कपिल सिब्बल की पीएम को सलाह – संसद सत्र बुलाकर करें वैश्विक कूटनीति की शुरुआत

AIN NEWS 1: पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में कई जवान शहीद हो गए और देशभर में शोक की लहर फैल गई। इस गंभीर स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई अहम सुझाव दिए हैं।

संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग

कपिल सिब्बल ने सबसे पहले प्रधानमंत्री से यह आग्रह किया कि वे संसद का विशेष सत्र बुलाएं। उनका कहना है कि देश की सुरक्षा और आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर संसद में खुली चर्चा होनी चाहिए, जिसमें सभी सांसद अपने सुझाव दें। उन्होंने कहा, “देश आज आपके साथ खड़ा है, लेकिन हमें एक सामूहिक दृष्टिकोण अपनाना होगा ताकि पूरी दुनिया को भारत की एकजुटता का संदेश जाए।”

सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करने का सुझाव

सिब्बल ने संसद से एक ऐसा प्रस्ताव पारित करने की भी अपील की, जो आतंकवाद के खिलाफ देश की भावना को दर्शाए। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव में यह साफ़-साफ़ संदेश जाना चाहिए कि भारत आतंकवाद को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ता। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा, “आतंकी सिर्फ आतंकी होता है, उसका कोई धर्म नहीं होता।”

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक दबाव बनाने की योजना

कपिल सिब्बल ने सरकार को यह भी सुझाव दिया कि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक प्रयास तेज़ करने होंगे। इसके लिए उन्होंने सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल गठित कर, उसे अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, रूस और दक्षिण अमेरिका जैसे देशों में भेजने का प्रस्ताव दिया।

उनका मानना है कि जब तक भारत इस तरह का ठोस कदम नहीं उठाएगा, तब तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर प्रभाव नहीं पड़ेगा और हम वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता नहीं बना पाएंगे।

भारत की आवाज़ दुनिया तक पहुंचाने की ज़रूरत

सिब्बल ने कहा कि आतंकवाद अब सिर्फ एक देश की समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है। ऐसे में भारत को अपनी बात केवल आंतरिक मंचों तक सीमित नहीं रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारी आवाज़ न्यूयॉर्क, लंदन, पेरिस और टोक्यो तक जानी चाहिए। हमें यह बताना होगा कि भारत आतंकवाद से लड़ने के लिए न सिर्फ सैन्य रूप से बल्कि कूटनीतिक रूप से भी तैयार है।”

सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों को साथ आने की अपील

कपिल सिब्बल ने इस अवसर पर सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस राष्ट्रीय संकट का समाधान ढूंढने में मदद करें। उन्होंने कहा, “यह समय एकजुटता का है, आरोप-प्रत्यारोप का नहीं। देश के सभी दलों को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।”

कपिल सिब्बल की यह पहल एक सकारात्मक संदेश देती है कि आतंकवाद जैसे मुद्दों पर राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में सोचने की ज़रूरत है। उनका जोर था कि एक मजबूत और संगठित प्रतिक्रिया ही भारत को वैश्विक स्तर पर मजबूती दे सकती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक भारत विश्व समुदाय को साथ नहीं लाएगा, तब तक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अधूरी रहेगी।

In the aftermath of the Pahalgam terror attack, senior advocate Kapil Sibal has called for a special Parliament session and suggested strong global diplomacy to garner international support. Stressing that “a terrorist has no religion,” he emphasized India’s need to present a united front and build diplomatic pressure through global outreach involving both ruling and opposition MPs. His suggestions aim to elevate India’s voice on international platforms and strategically respond to the growing threat of terrorism.

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