AIN NEWS 1: सावन का पावन महीना शुरू हो चुका है और इसके साथ ही कांवड़ यात्रा का उत्साह भी चरम पर है। इसी को ध्यान में रखते हुए मेरठ में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य यात्रा को सुरक्षित, सुचारू और श्रद्धालुओं की आस्था के अनुरूप बनाना था।
बैठक की अध्यक्षता यूपी के मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी राजीव कृष्ण ने की। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था, महिला यात्रियों की सुविधा, भोजन की शुद्धता, सड़कों की मरम्मत और डीजे साउंड सिस्टम के नियंत्रण जैसे अहम मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
सुरक्षा और कानून व्यवस्था
प्रशासन ने तय किया है कि कांवड़ मार्ग पर हर एक किलोमीटर पर पुलिस तैनात की जाएगी। इसके अलावा, सभी राज्यों के संबंधित अधिकारियों को एक विशेष व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया है, ताकि कोई भी सूचना तुरंत साझा की जा सके। किसी भी प्रकार के नियम तोड़ने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भोजन की गुणवत्ता और QR कोड व्यवस्था
श्रद्धालुओं को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ी पहल की गई है। कांवड़ मार्ग पर स्थित सभी ढाबों और शिविरों पर QR कोड लगाए जाएंगे, जिससे यात्री वहां के मालिक और कर्मचारियों की जानकारी आसानी से देख सकें। भोजन की शुद्धता की जांच का अधिकार केवल FSSAI को होगा। इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर नो नॉनवेज जोन की सख्ती से पालना की जाएगी।
महिला श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी प्रशासन सतर्क है। महिला कांवड़ियों के लिए अलग कैंप और विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। ट्रेन की छतों पर चढ़ने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
डीजे पर नियंत्रण
डीजीपी ने साफ निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग में बजने वाले डीजे की आवाज 75 डेसिबल से अधिक नहीं होनी चाहिए और उसकी ऊंचाई 10 फीट से ज्यादा नहीं होगी। इससे ध्वनि प्रदूषण और दुर्घटनाओं से बचा जा सकेगा।
सड़कें होंगी दुरुस्त
कांवड़ यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं, इसलिए यात्रा मार्ग की सड़कों की मरम्मत और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
कांवड़ यात्रा एक धार्मिक आस्था का पर्व है, लेकिन इसकी सफलता प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था पर भी निर्भर करती है। मेरठ में हुई इस उच्चस्तरीय बैठक से यह साफ हो गया है कि यूपी समेत चारों राज्य इस बार यात्रा को और भी सुरक्षित, सुविधाजनक और व्यवस्थित बनाने के लिए पूरी तैयारी कर चुके हैं।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सम्मान – प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
The Kawad Yatra 2025 is set to be one of the largest religious pilgrimages in North India, and authorities from Uttar Pradesh, Delhi, Haryana, and Rajasthan gathered in Meerut to conduct a high-level review meeting. Major aspects such as DJ volume control, food safety (monitored by FSSAI), women-specific camps, QR code-enabled information at camps, and inter-state police coordination were discussed to ensure the safety and convenience of the pilgrims. Police deployment at every kilometer and a shared WhatsApp group for officials are also part of the strategic safety plan.