AIN NEWS 1 नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि अगर उसने पिछले 10 सालों में दिल्ली में कोई काम किया होता, तो उसे वोट खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल उनके खिलाफ आरोप लगाती रही है, लेकिन दिल्ली के विकास के लिए कुछ नहीं किया।
केजरीवाल ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “अगर बीजेपी ने पिछले 10 सालों में कुछ काम किया होता, तो उसे दिल्ली में वोट खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती। अब ये लोग 1100 रुपये में वोट खरीदने की कोशिश कर रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है।”
भ्रष्टाचार और लोकतंत्र पर खतरा
केजरीवाल ने भाजपा पर भ्रष्टाचार और लोकतंत्र को खतरे में डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “भाजपा के लोग अब वोट खरीदने के लिए पैसे बांट रहे हैं, यह लोकतंत्र के लिए एक गंभीर समस्या है। अगर भाजपा ने काम किया होता, तो उसे इस तरह की गतिविधियों की जरूरत नहीं पड़ती।”
एजेंसियों पर भी आरोप
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस दौरान भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने केंद्रीय एजेंसियों जैसे चुनाव आयोग, ईडी, सीबीआई, पुलिस और आयकर विभाग को निष्क्रिय बना दिया है। उनका कहना था कि अब ये सभी एजेंसियां पूरी तरह से असहाय हो गई हैं और कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि “आजकल सभी सरकारी एजेंसियां बीजेपी के इशारे पर काम कर रही हैं। इन एजेंसियों ने अपनी निष्पक्षता खो दी है। चुनाव आयोग, ईडी, सीबीआई, पुलिस और आयकर विभाग जैसे एजेंसियां अब कुछ नहीं कर रही हैं।”
साफ-सुथरी राजनीति की आवश्यकता
केजरीवाल ने इस मौके पर एक बार फिर से अपनी पार्टी की राजनीति को साफ और पारदर्शी बताते हुए कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य दिल्ली में नागरिकों की बेहतरी के लिए काम करना है, जबकि दूसरी पार्टी सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप में लगी हुई है।
उन्होंने भाजपा की राजनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा को जनता से वोट मांगने की बजाय इन अप्रत्यक्ष तरीकों से वोट खरीदने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने पिछले 10 सालों में दिल्ली में कोई विकास कार्य नहीं किया और अब वह वोट खरीदने की साजिशों में लिप्त है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित एजेंसियों के निष्क्रिय होने पर भी चिंता व्यक्त की। उनका कहना है कि यह देश के लोकतंत्र के लिए एक गंभीर संकट का संकेत है।