AIN NEWS 1 | दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 9 साल बाद फ्लैग स्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास खाली कर दिया है। शुक्रवार को वे लुटियंस दिल्ली के फिरोजशाह रोड पर बंगला नंबर-5 में शिफ्ट हो गए, जो पंजाब से AAP के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल को आवंटित है। केजरीवाल अपने परिवार के साथ इस नए घर में शिफ्ट हुए, जहां अशोक मित्तल और उनकी पत्नी ने उनका स्वागत किया। मित्तल ने कहा कि केजरीवाल उनके घर में गेस्ट के तौर पर रह रहे हैं।
केजरीवाल ने CM पद से इस्तीफा देकर सरकारी सुविधाएं छोड़ी
अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और सभी सरकारी सुविधाएं छोड़ने का ऐलान किया था। आम आदमी पार्टी ने कहा था कि केजरीवाल विवाद से दूर एक नया घर तलाश रहे हैं। AAP ने केंद्र सरकार से केजरीवाल को एक आवास देने की मांग की थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
दिल्ली में CM के पास आधिकारिक आवास नहीं
दिल्ली में मुख्यमंत्री के लिए कोई आधिकारिक आवास नहीं होता है। मुख्यमंत्री अपनी सहूलियत के हिसाब से बंगला चुनते हैं। पद से हटने के बाद, उन्हें अपने निजी या किराए के घर में रहना पड़ता है। आवास के लिए कोई अलग भत्ता नहीं मिलता, यह भत्ता वेतन में ही शामिल होता है।
मनीष सिसोदिया भी सरकारी आवास छोड़ेंगे
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी अपना सरकारी बंगला खाली करने वाले हैं। उन्हें मथुरा रोड पर स्थित AB-17 बंगला आवंटित था। सिसोदिया अब पंजाब के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह के राजेंद्र प्रसाद रोड स्थित बंगले में शिफ्ट होंगे। शिफ्ट होने से पहले उन्होंने हवन भी करवाया।
केजरीवाल का इस्तीफा और आतिशी का मुख्यमंत्री बनना
केजरीवाल ने 15 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। 17 सितंबर को उन्होंने आधिकारिक तौर पर इस्तीफा सौंपा। इसके बाद AAP विधायक आतिशी ने दिल्ली की नई सरकार बनाने का दावा पेश किया और 21 सितंबर को दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। आतिशी ने शपथ के बाद केजरीवाल के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था।
केजरीवाल की तिहाड़ जेल से रिहाई और इस्तीफा
21 मार्च 2024 को शराब नीति मामले में ED ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद वे 177 दिन तिहाड़ जेल में रहे। सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर 2024 को उन्हें जमानत दी थी। 15 सितंबर को केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद छोड़ने का ऐलान किया और 17 सितंबर को अपना इस्तीफा सौंपा।
केजरीवाल की जनता के बीच वापसी
22 सितंबर को केजरीवाल ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘जनता की अदालत’ नाम से एक जनसभा की थी। उन्होंने कहा था कि वे आरोपों के साथ नहीं जी सकते और अपने ईमानदारी की परख जनता के सामने करवाना चाहते हैं।