AIN NEWS 1: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर तीखा हमला किया है। रामायण पर दिए गए अपने बयान को लेकर बीजेपी द्वारा विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा,
“कल मैंने कहा था कि रावण सुनहरे हिरण का रूप लेकर आया और माता सीता उस हिरण को चाहने लगीं। अब बीजेपी कह रही है कि वह रावण नहीं बल्कि राक्षस मारीच था। बीजेपी के लोग मेरे घर के बाहर विरोध कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि मैंने रावण का अपमान क्यों किया। इन्हें रावण से इतना लगाव क्यों है?”
केजरीवाल ने आगे कहा, “ये लोग राक्षसी प्रवृत्ति के हैं। मैं दिल्ली की झुग्गियों और गरीब तबके के लोगों को चेतावनी देना चाहता हूं कि अगर ये सत्ता में आए तो राक्षसों की तरह आपको निगल जाएंगे। ये लोग आपके लिए खतरा हैं।”
बीजेपी ने केजरीवाल के बयान को लेकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताया है। वहीं, केजरीवाल का कहना है कि बीजेपी इस मुद्दे को लेकर जनता को भटकाने की कोशिश कर रही है।दिल्ली की राजनीति में बयानबाजी का सिलसिला तेज हो गया है। रामायण के एक प्रसंग को लेकर अरविंद केजरीवाल और बीजेपी के बीच विवाद छिड़ा हुआ है। हाल ही में केजरीवाल ने एक जनसभा में कहा कि “रावण सुनहरे हिरण का रूप लेकर माता सीता के पास गया।” बीजेपी ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह रामायण के तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने जैसा है। उनका दावा है कि सुनहरा हिरण रावण नहीं बल्कि मारीच नामक राक्षस था।
केजरीवाल ने बीजेपी के विरोध को निशाना बनाते हुए कहा, “ये लोग मेरे घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मैंने रावण का अपमान किया। लेकिन असल सवाल ये है कि इन्हें रावण से इतना लगाव क्यों है? क्या वे रावण को अपना आदर्श मानते हैं?”
मुख्यमंत्री ने इस विवाद को गरीब जनता के मुद्दों से जोड़ते हुए कहा, “मैं दिल्ली के झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों और गरीब तबके को सचेत करना चाहता हूं। ये लोग (बीजेपी) सत्ता में आकर आपको राक्षसों की तरह निगल जाएंगे। उनका मकसद केवल सत्ता हासिल करना है, गरीबों की भलाई से उनका कोई लेना-देना नहीं है।”
बीजेपी की ओर से इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। पार्टी नेताओं ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला करार दिया है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल धार्मिक मान्यताओं का अपमान कर रहे हैं और जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच, आम आदमी पार्टी ने इसे बीजेपी की “दमनकारी राजनीति” करार देते हुए कहा कि यह सब जनता को असल मुद्दों से भटकाने की एक चाल है। पार्टी ने सवाल उठाया कि जब दिल्ली के गरीब तबके को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार चाहिए, तब बीजेपी इस तरह के मुद्दों को क्यों हवा दे रही है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद आगामी चुनावों को देखते हुए राजनीतिक फायदे के लिए उठाया गया है। दोनों दल अपनी-अपनी रणनीति के तहत जनता को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसे मुद्दे वास्तव में जनता के लिए मायने रखते हैं, या ये केवल राजनीतिक एजेंडे को साधने का माध्यम हैं।
इस विवाद ने दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। जहां बीजेपी इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़ रही है, वहीं अरविंद केजरीवाल इसे गरीबों के मुद्दों पर ध्यान खींचने का जरिया बता रहे हैं। दोनों पक्षों के इस तकरार का असर आगामी चुनावों और जनता की राय पर जरूर पड़ेगा।
English SEO-Boosting Paragraph:
Arvind Kejriwal’s remark on the Ramayana has sparked controversy as BJP accuses him of insulting religious sentiments. Responding to the protests, Kejriwal questioned BJP’s attachment to Ravana and warned Delhi’s poor about their “demonic nature.” This political clash reflects ongoing tensions between AAP and BJP, focusing on narratives that resonate with the public. Read the full story to uncover how this debate shapes the socio-political landscape of Delhi.