AIN NEWS 1 | कर्नाटक में डीके शिवकुमार के डिप्टी सीएम बनने के बाद अब भारत के 11 राज्यों में डिप्टी सीएम पद मौजूद हैं। महाराष्ट्र में महायुति की जीत के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या एकनाथ शिंदे सीएम पद छोड़कर डिप्टी सीएम की भूमिका में आ सकते हैं।
डिप्टी सीएम का पद और उसकी परंपरा
डिप्टी सीएम का पद भारतीय राजनीति में एक समझौता करने वाला पद माना जाता है। यह संविधान में उल्लिखित नहीं है लेकिन गठबंधन सरकारों और आंतरिक संतुलन बनाए रखने के लिए इसका महत्व बढ़ता गया। यह पद गठबंधन सहयोगियों या पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को संतुलन बनाने के लिए दिया जाता है।
मुख्यमंत्री से डिप्टी सीएम बनने वाले नेता
भारतीय राजनीति में कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री से डिप्टी सीएम बनने का सफर तय किया है।
- देवेंद्र फडणवीस (महाराष्ट्र): 2014-2019 तक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन 2022 से अब तक डिप्टी सीएम हैं।
- पनीरसेल्वम (तमिलनाडु): मुख्यमंत्री रहते हुए 2001-2002 और 2014-2015 तक कार्य किया, लेकिन पार्टी में सत्ता संघर्ष के बाद 2017-2021 तक डिप्टी सीएम बने।
- बाबूलाल मरांडी (झारखंड): झारखंड के पहले मुख्यमंत्री (2000-2003) रहे और बाद में गठबंधन की राजनीति के तहत डिप्टी सीएम बने।
मुख्यमंत्री से डिप्टी सीएम बनने के कारण
- गठबंधन की राजनीति: सरकार बनाने के लिए पद साझा करने की मजबूरी।
- पार्टी का आंतरिक दबाव: पार्टी के वरिष्ठ नेताओं या हाईकमान के निर्देश से।
- संतुलन बनाना: क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों के बीच सत्ता संतुलन के लिए।
क्या होगा एकनाथ शिंदे का भविष्य?
महाराष्ट्र में महायुति की जीत के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या एकनाथ शिंदे फिर से डिप्टी सीएम बन सकते हैं। हालांकि उन्होंने इस दौड़ से खुद को बाहर बताया है, लेकिन गठबंधन की जरूरतों और पार्टी हाईकमान के फैसले पर सब निर्भर करेगा।
भारतीय राजनीति में मुख्यमंत्री से डिप्टी सीएम बनने का चलन दुर्लभ है, लेकिन राजनीतिक समीकरणों में यह असंभव नहीं। अब देखना यह है कि शिंदे इस नई भूमिका को स्वीकार करते हैं या नहीं।