Sunday, January 12, 2025

कृषिका कार्यक्रम: एआई और विज्ञान से खेती में सुधार, रसायनमुक्त खेती से बढ़ेगी किसानों की आय?

- Advertisement -
Ads
- Advertisement -
Ads

AIN NEWS 1 लखनऊ। अमर उजाला के कृषिका कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खेती में एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और विज्ञान के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन नई तकनीकों के जरिए यूपी के गांवों में समृद्धि की राह खोलेगी और किसानों की आय बढ़ेगी। इस अवसर पर किसानों को रसायनमुक्त खेती, स्मार्ट खेती, और उन्नत तकनीक के उपयोग से खेती के व्यवसायिक मॉडल से जोड़ने के उपाय सुझाए गए।

एआई और स्मार्ट खेती की दिशा में बदलाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में किसानों को अब स्मार्टफोन के जरिए यह जानकारी मिल सकती है कि कौन सी फसल उनके क्षेत्र में ज्यादा लाभकारी है। एआई के द्वारा बीज से लेकर बाजार तक की जानकारी मिल सकती है, जिससे कृषि को और अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने स्मार्ट खेती को श्रम आधारित खेती से उन्नत बनाने की बात कही, जैसे सुल्तानपुर के किसान रामकोरत मिश्रा ने उदाहरण के रूप में बताया कि पहले कृषि में भारी श्रम लगता था, लेकिन अब स्मार्ट खेती के जरिए यह काम आसान हो गया है।

रसायनमुक्त खेती से आय में वृद्धि

कार्यक्रम में रसायनमुक्त खेती पर भी जोर दिया गया, जिसमें गो आधारित प्राकृतिक उत्पादों का महत्व बताया गया। विपणन विभाग के उप निदेशक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि यूरोप जैसे देशों में रसायनमुक्त उत्पादों की अच्छी मांग है, और यूपी में इनका निर्यात कर किसान अच्छा लाभ कमा सकते हैं। उन्होंने किसानों को यह भी बताया कि प्राकृतिक खेती में नैनो तकनीक का प्रयोग कर बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।

कृषि में नवाचार और सरकारी योजनाएं

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में कई सुधार किए गए हैं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है। यूपी में 12 लाख से अधिक निराश्रित गौवंश हैं और उनके लिए तीन तरह की योजनाएं चल रही हैं, जो प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने कहा कि यदि यूपी के 161 लाख हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती में बदल दिया जाए, तो लाखों करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।

कृषिका की अहमियत

सीएम योगी ने अमर उजाला के कृषिका कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने कहा कि कृषिका शब्द ही अपने आप में बहुत सुंदर है, क्योंकि यह धरती माता से जुड़ा हुआ है, और इससे हमें अपनी कृषि और फसलों का महत्व समझ में आता है। इस कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, वैज्ञानिकों और अन्य विशेषज्ञों ने भी अपनी बात रखी और खेती के उन्नत तरीकों को साझा किया।

इस कार्यक्रम के जरिए यह संदेश दिया गया कि यदि खेती में नई तकनीकों का उपयोग किया जाए तो न सिर्फ किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है, बल्कि पर्यावरण की रक्षा भी की जा सकती है।

 

 

- Advertisement -
Ads
AIN NEWS 1
AIN NEWS 1https://ainnews1.com
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
Ads

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement
Polls
Trending
Rashifal
Live Cricket Score
Weather Forecast
Latest news
Related news
- Advertisement -
Ads