AIN NEWS 1 | हिमाचल प्रदेश एक बार फिर प्राकृतिक आपदा से हिल गया है। कुल्लू जिले के शर्मानी गांव में देर रात अचानक हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। मंगलवार, 9 सितंबर की सुबह लगभग 2 बजे हुई इस घटना ने पूरे गांव को दहशत में डाल दिया।
ग्राम पंचायत घाटू के प्रधान भोगा राम ने घटना की पुष्टि की और बताया कि अब तक की जानकारी के अनुसार इस हादसे में एक ही परिवार के पांच लोग लापता हैं, जबकि एक व्यक्ति का शव बरामद कर लिया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
सोमवार रात से ही कुल्लू क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही थी। भारी बारिश के चलते पहाड़ी का बड़ा हिस्सा अचानक खिसक गया और घरों पर आ गिरा। उस समय ज्यादातर लोग सो रहे थे, इसलिए किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला।
भूस्खलन की चपेट में आने से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और लोग मलबे में दब गए। राहतकर्मियों ने तुरंत मोर्चा संभाला और अब तक कई लोगों को मलबे से जिंदा बाहर निकाला गया है। घायलों को नजदीकी निरमंड अस्पताल भेजा गया है।
राहत और बचाव अभियान
जैसे ही सूचना मिली, प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। पुलिस, राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीमें घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं।
मलबा हटाने के लिए मशीनों का सहारा लिया जा रहा है।
घायलों का इलाज प्राथमिकता पर किया जा रहा है।
लापता लोगों की तलाश लगातार जारी है।
गांव में डर और अफरा-तफरी का माहौल है। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए सुरक्षित जगहों पर शरण लें। खासतौर पर निचले इलाकों और पहाड़ी ढलानों के आसपास रहने वालों को सतर्क रहने को कहा गया है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि 9 सितंबर को हिमाचल प्रदेश के कई जिलों—कांगड़ा, शिमला और चंबा—में बारिश होने की संभावना है। दोपहर बाद हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि सुबह के समय आसमान में बादल छाए रहेंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगले चार से पांच दिन तक मौसम का यही हाल रहने वाला है। ऐसे में भूस्खलन की घटनाओं का खतरा और बढ़ सकता है।
चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग बहाल
इस बीच अच्छी खबर यह है कि प्राकृतिक आपदाओं के बीच प्रभावित हुआ चंबा-भरमौर नेशनल हाईवे आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है।
8 सितंबर से छोटे वाहनों के लिए रास्ता खोला गया है।
अगस्त में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से यह मार्ग बंद हो गया था।
अब धीरे-धीरे बड़ी गाड़ियों के लिए भी रास्ता साफ किया जा रहा है।
सोमवार को सब्जी, राशन और अन्य जरूरी सामान की गाड़ियां भरमौर पहुंचाई गईं।
लोगों में डर और चिंता
गांव के लोग बेहद डरे हुए हैं। अचानक रात में हुई इस घटना ने उन्हें अंदर तक हिला दिया। हर कोई यह सोचकर सहमा हुआ है कि कब अगला भूस्खलन हो जाए।
लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन को पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की आशंका वाले गांवों में पहले से सतर्कता और सुरक्षा इंतज़ाम करने चाहिए।
विशेषज्ञों की राय
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार हो रही बारिश और अनियंत्रित निर्माण कार्यों की वजह से हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं।
उनका कहना है कि –
पहाड़ों को काटकर सड़कें और इमारतें बनाने से जमीन कमजोर हो जाती है।
भारी बारिश के दौरान मिट्टी और चट्टानें खिसक जाती हैं।
ऐसे इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट और सुरक्षित स्थानों पर भेजना बेहद जरूरी है।
नतीजा और आगे की स्थिति
अभी तक पांच लोग लापता हैं और एक शव बरामद किया जा चुका है। राहत और बचाव का काम लगातार जारी है।
लोगों को उम्मीद है कि प्रशासन जल्द से जल्द लापता लोगों का पता लगाएगा और पीड़ित परिवारों को मदद पहुंचाएगा।