Sunday, February 23, 2025

महाराष्ट्र में वक्फ बोर्ड और किसानों के बीच जमीन विवाद: 103 किसानों को नोटिस, सरकार से न्याय की गुहार?

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AIN NEWS 1: महाराष्ट्र के लातूर जिले में 103 किसानों और राज्य वक्फ बोर्ड के बीच जमीन विवाद गहराता जा रहा है। वक्फ बोर्ड ने 300 एकड़ जमीन पर दावा करते हुए किसानों को नोटिस भेजा है। किसानों का कहना है कि यह उनकी पुश्तैनी जमीन है, जिसे वे पीढ़ियों से जोतते आ रहे हैं। मामले की सुनवाई महाराष्ट्र स्टेट वक्फ ट्रिब्यूनल में चल रही है।

किसानों का आरोप: वक्फ बोर्ड हमारी जमीन हड़पना चाहता है

किसानों का आरोप है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित कर हड़पने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से इस मुद्दे में हस्तक्षेप कर न्याय दिलाने की अपील की है। किसानों का कहना है कि यह जमीन उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है और वे इसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।

वक्फ बोर्ड की सफाई

राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष समीर काजी ने इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने मीडिया को बताया कि बोर्ड ने केवल एक व्यक्ति को ट्रिब्यूनल की कार्यवाही के तहत नोटिस भेजा है, न कि 103 किसानों को। काजी ने दावा किया कि वक्फ बोर्ड की ओर से किसी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की जा रही है।

मामले की कानूनी स्थिति

मामले में अब तक दो सुनवाई हो चुकी हैं। तीसरी सुनवाई 20 दिसंबर को होनी है। इस दौरान ट्रिब्यूनल यह तय करेगा कि 300 एकड़ जमीन वक्फ संपत्ति है या किसानों की।

वक्फ बोर्ड क्या है?

वक्फ बोर्ड इस्लामी कानून के तहत एक कानूनी संस्था है, जो धार्मिक उद्देश्यों के लिए दान की गई संपत्तियों का प्रबंधन करती है। 1954 में वक्फ अधिनियम पारित होने के बाद यह संस्था सरकारी दर्जे में आई। इसके पास संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन, देखरेख और ट्रांसफर का अधिकार होता है।

वक्फ संपत्ति के प्रकार

वक्फ संपत्तियां वे होती हैं जो धार्मिक उद्देश्य से दान की जाती हैं।

इनमें मस्जिद, दरगाह, कब्रिस्तान और शैक्षणिक संस्थान शामिल हो सकते हैं।

वक्फ बोर्ड के पास रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद सबसे अधिक जमीन है।

वक्फ संशोधन बिल: केंद्र सरकार का प्रस्ताव

केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड कानून में बदलाव की तैयारी कर रही है। 8 अगस्त 2023 को मानसून सत्र में लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया। हालांकि, विपक्ष के विरोध के चलते यह बिल जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेज दिया गया।

प्रस्तावित बदलाव

1. अधिक अपील के विकल्प: वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को अब रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी।

2. महिलाओं और अन्य धर्मों को स्थान: वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं और अन्य धर्मों के दो सदस्यों को शामिल करने का प्रस्ताव।

3. दान की पुष्टि आवश्यक: अगर जमीन दान में नहीं दी गई हो तो वह वक्फ संपत्ति नहीं मानी जाएगी।

4. मौजूदा कानून का विस्तार: विवादों के समाधान के लिए अधिक न्यायिक विकल्प प्रदान करना।

वक्फ का ऐतिहासिक संदर्भ

वक्फ की परंपरा पैगंबर मोहम्मद के समय शुरू हुई। इसे गरीबों की मदद के लिए उपयोग किया जाता था।

भारत में वक्फ की शुरुआत दिल्ली सल्तनत (1206-1526) के दौरान हुई।

1913 में ब्रिटिश राज में मुसलमान वक्फ वैधीकरण अधिनियम पारित किया गया।

आजादी के बाद 1954 में वक्फ अधिनियम लागू हुआ, जिसके तहत वक्फ बोर्ड सरकारी संस्था बन गई।

क्या है विवाद का समाधान?

मामला कानूनी है, और इसे हल करने के लिए न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना होगा। किसानों ने सरकार से न्याय की अपील की है। केंद्र और राज्य सरकार को इस तरह के मामलों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करनी होगी ताकि वक्फ बोर्ड और किसानों के बीच संतुलन कायम रखा जा सके।

निष्कर्ष

यह विवाद केवल जमीन का नहीं, बल्कि किसानों की आजीविका और उनके अधिकारों का है। वक्फ बोर्ड और किसानों के बीच चल रही खींचतान का समाधान समय पर निकलना जरूरी है ताकि क्षेत्र में शांति और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।

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