AIN NEWS 1: आज हम आपको बताते हैं किसी भी जमीन को जब भी कभी खरीदा जाता है। उस दौरान उसका रजिस्ट्रेशन कराना बहुत जरूरी है। आपने अपनी जमीन खरीदने से पहले उसकी रजिस्ट्री कराने के बारे में तो जरूर ही सुना होगा। किसी भी जमीन को खरीदना काफी ज्यादा महंगा सौदा होता है। इस दौरान लोग अपनी जीवन भर की ही पूरी जमा पूंजी लगा देते हैं। जमीन या किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी खरीदने से पहले ही आपको कुछ ज़रूरी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। और अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं। तो इस स्थिति में आपको कई तरह की बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको यह भी पता नहीं है कि जमीन को आख़िर कैसे खरीदा जाता है? उसकी रजिस्ट्री कहा से और कैसे कराई जाती है? तो ऐसे में यह पूरी खबर आपके लिए बहुत ही खास है। आज हम आपको इसी के बारे में पूरी जानकारी बताने जा रहे हैं।
तो आइए जानते हैं इसके बारे में कुछ विस्तार से
1- कोई भी प्रॉपर्टी खरीदते समय जब उसके मालिकाना हक को विक्रेता से क्रेता के पास मे ट्रांसफर किया जाता है। तो इस पूरी प्रक्रिया को ही रजिस्ट्री करना कहा जाता है। इसको आसान शब्दों में कहें, तो जब किसी मालिक के नाम को मूल दस्तावेजों से हटाकर उस के स्थान पर क्रेता मालिक का नाम पता दर्ज किया जाता है। उस प्रक्रिया को ही रजिस्ट्री करना कहा जाता है।
2.किसी भी जमीन की रजिस्ट्री करने से पहले उस संपत्ति की मार्केट वैल्यू को निर्धारित किया जाता है।
3.इस मार्केट वैल्यू को क्रेता और विक्रेता द्वारा ही तय करते हैं।
4.मार्केट वैल्यू निर्धारित होने के बाद ही इसके लिए स्टाम्प पेपर को भी खरीदा जाता है। इसमें ही पूरा बैनामा टाइप होता है। इस दौरान ही दोनों पार्टियों के जमीन से जुड़े दस्तावेजों के साथ मे पहचान संबंधित कागजात भी दिए जाते हैं।
5.इस पूरी प्रक्रिया के पूरे होने के बाद रजिस्ट्रार कार्यलय से एक पर्ची आपकों मिलती है। यह पर्ची आपके लिए काफी जरूरी होती है।
6.इसे आपको हमेशा ही संभालकर रखना चाहिए। यह पर्ची इस बात का सबूत होती है कि आपकी रजिस्ट्री अच्छे से पूरी हो चुकी है।