AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को उर्दू और अंग्रेजी भाषा को लेकर बड़ा विवाद हुआ। समाजवादी पार्टी (SP) के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने मांग की कि विधानसभा में उर्दू भाषा को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि जब अंग्रेजी भाषा की अनुमति है, तो उर्दू को भी मंजूरी मिलनी चाहिए क्योंकि यह भी एक भाषा है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा विरोध जताया और SP पर गंभीर आरोप लगाए।
1. विवाद कैसे शुरू हुआ?
इस बार विधानसभा के बजट सत्र में हिंदी के साथ-साथ अवधी, ब्रज, भोजपुरी, बुंदेली और अंग्रेजी में भी कार्यवाही सुनने की सुविधा दी गई। इस पर माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान सही है, लेकिन अंग्रेजी भाषा को फिर से शामिल करना गलत है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी को हटाने के लिए SP के नेताओं ने संघर्ष किया था और जेल भी गए थे। अगर विधानसभा में अंग्रेजी की अनुमति दी जा रही है, तो उर्दू को भी शामिल किया जाना चाहिए।
2. योगी आदित्यनाथ का जवाब
CM योगी आदित्यनाथ ने इस मांग को खारिज करते हुए SP पर double standards (दोहरे मापदंड) अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि SP के नेता अपने बच्चों को English medium schools (अंग्रेजी स्कूल) में पढ़ाते हैं, लेकिन बाकी लोगों के बच्चों के लिए उर्दू की वकालत करते हैं।
3. योगी आदित्यनाथ ने SP पर गंभीर आरोप लगाए
SP समाज को गुमराह कर रही है: योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी का double standard अब सबके सामने आ गया है। वे अपने बच्चों को English medium schools में पढ़ाते हैं, लेकिन दूसरों के बच्चों के लिए उर्दू की पढ़ाई को जरूरी बनाना चाहते हैं, जिससे वे सिर्फ मौलवी बनकर रह जाएं।
भारत की संस्कृति के खिलाफ: उन्होंने कहा कि UP सरकार भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेली को बढ़ावा दे रही है। लेकिन SP इन भाषाओं का विरोध कर रही है, जो भारत की संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है।
विदेशों में भारतीय भाषाओं का सम्मान: योगी ने कहा कि मॉरीशस और फिजी जैसे देशों में रहने वाले भारतीय अवधी और भोजपुरी बोलते हैं। उन्होंने तुलसीदास की “रामचरितमानस” और सूरदास की रचनाओं का उदाहरण दिया, जो ब्रज और अवधी भाषा में लिखी गई हैं।
4. SP हर अच्छे काम का विरोध करती है
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि SP हर अच्छे काम का विरोध करती है। जब विधानसभा सचिवालय ने स्थानीय भाषाओं (Regional Languages) को मान्यता दी, तब भी SP ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि SP सिर्फ राजनीति के लिए ऐसे मुद्दे उठाती है, न कि जनता के भले के लिए।
5. कठमुल्लापन को बढ़ावा देने का आरोप
योगी ने कहा कि SP देश को कट्टरवाद (Extremism) की ओर ले जाना चाहती है। उन्होंने कहा कि SP नेता अपने बच्चों को English Medium Schools में पढ़ाएंगे, लेकिन बाकी लोगों के बच्चों को उर्दू पढ़ने के लिए मजबूर करेंगे। यह स्वीकार्य नहीं है और जनता को SP के इस दोहरे चरित्र को समझना चाहिए।
6. योगी और SP की विचारधारा में टकराव
इस विवाद से साफ है कि योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी की सोच एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है। योगी आदित्यनाथ क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना चाहते हैं, जबकि SP उर्दू भाषा को शामिल करने की मांग कर रही है। यह विवाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाषा और शिक्षा से जुड़े बड़े मुद्दों को दिखाता है।
UP CM Yogi Adityanath strongly criticized the Samajwadi Party (SP) in the UP Assembly debate over the inclusion of Urdu and English in legislative proceedings. He accused SP of double standards, saying they send their own children to English medium schools but advocate Urdu education for others. He emphasized that the government is promoting regional languages like Bhojpuri, Avadhi, Braj, and Bundeli, while SP opposes these efforts. This political controversy highlights a major clash between Hindi vs Urdu and the language policies in Uttar Pradesh.