LeT Terrorist Associate Killed in Bandipora Encounter, 2 Policemen Injured
AIN NEWS 1: जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में एक बड़ी मुठभेड़ के दौरान लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़ा एक आतंकी सहयोगी मारा गया। इस मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। मुठभेड़ अभी भी जारी है।
यह मुठभेड़ बांदीपोरा के अजयस इलाके के कुलनार क्षेत्र में हुई। सुरक्षाबलों को इस क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिली थी, जिसके आधार पर सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया। तलाशी के दौरान आतंकियों से आमना-सामना हुआ और फिर दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई।
मारे गए आतंकी की पहचान
मुठभेड़ में मारे गए आतंकी सहयोगी की पहचान अल्ताफ लल्ली के रूप में हुई है। वह आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था और सुरक्षाबलों की हिट लिस्ट में शामिल था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अल्ताफ लल्ली स्थानीय युवाओं को आतंकवाद की ओर उकसाने और उन्हें हथियार मुहैया कराने में सक्रिय था।
घायल पुलिसकर्मियों का इलाज जारी
मुठभेड़ के दौरान दो पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हो गए। उन्हें तुरंत पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने उनके नाम और पहचान सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन बताया गया है कि दोनों जवानों की हालत खतरे से बाहर है।
सैन्य कार्रवाई का विवरण
भारतीय सेना की चिनार कोर ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि 25 अप्रैल 2025 को, विशेष खुफिया सूचना के आधार पर कुलनार अजयस क्षेत्र में एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान आतंकियों से मुठभेड़ शुरू हो गई, जिसमें एक आतंकी मारा गया और दो पुलिसकर्मी घायल हुए।
सेना और पुलिस की संयुक्त टीम अब भी इलाके में तलाशी अभियान चला रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि और कोई आतंकी वहां छिपा न हो। ऑपरेशन अभी भी जारी है।
उधमपुर में एक और मुठभेड़, जवान शहीद
इस मुठभेड़ से एक दिन पहले, जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के बसंतगढ़ इलाके में भी आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। वहां भी सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच जबरदस्त गोलीबारी हुई। इस मुठभेड़ में एक भारतीय जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था, जो बाद में शहीद हो गया।
उधमपुर पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई भी खुफिया सूचना के आधार पर की गई थी। जैसे ही सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी शुरू की, आतंकी गोलियां चलाने लगे। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और जवाबी फायरिंग शुरू की।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि में बढ़ी सतर्कता
इन दोनों घटनाओं से पहले 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरण घास के मैदान में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला कर दिया था, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी। कई लोग घायल भी हुए थे। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे।
पहलगाम हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। पुलिस और सेना की संयुक्त टीमें लगातार तलाशी अभियान चला रही हैं ताकि आतंकियों को पकड़ा जा सके या मारा जा सके।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का रुख
इन लगातार हो रही घटनाओं के बीच केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद के खिलाफ और सख्त रवैया अपनाने की तैयारी में हैं। गृहमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर उच्चस्तरीय बैठक की है।
खासकर लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अल्ताफ लल्ली जैसे सहयोगी आतंकियों को समाप्त कर आतंक की सप्लाई चेन को तोड़ने की रणनीति अपनाई जा रही है।
बांदीपोरा और उधमपुर की मुठभेड़ों से यह साफ है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां लगातार जारी हैं, लेकिन भारतीय सुरक्षाबल उन्हें रोकने और खत्म करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अल्ताफ लल्ली की मौत सुरक्षा बलों की एक बड़ी कामयाबी है, लेकिन यह भी याद दिलाती है कि आतंकवाद का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को चाहिए कि वो खुफिया तंत्र को और मजबूत करें और आतंक के खिलाफ ऐसे ही साझा अभियानों को जारी रखें ताकि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थायित्व कायम किया जा सके।
In a major counter-terror operation, a Lashkar-e-Taiba (LeT) terrorist associate, Altaf Lalli, was killed during an ongoing encounter in Bandipora, Jammu and Kashmir. The joint search operation by the Indian Army and J&K Police in Kolnar Ajas led to a fierce firefight, resulting in two policemen being injured. This Bandipora encounter comes days after the deadly Pahalgam terrorist attack and a fresh firefight in Udhampur. Such incidents highlight the increasing frequency of Lashkar-e-Taiba activities and security forces’ continuous efforts to neutralize terrorism in Jammu and Kashmir.