UP: Man Dies in Police Custody in Agra, SHO Transferred, Three Sub-Inspectors Suspended
आगरा: पुलिस कस्टडी में मौत, थाना प्रभारी लाइन हाजिर, तीन दरोगा निलंबित
AIN NEWS 1: आगरा के थाना डौकी क्षेत्र की कबीस पुलिस चौकी में एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिसके बाद पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगे हैं। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया, और उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। मामला गंभीर होने पर पुलिस उपायुक्त ने तत्काल कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया और तीन दरोगाओं को निलंबित कर दिया।
कैसे हुई घटना?
गढ़ी हैसिया, डौकी निवासी केदार सिंह (52), जो कि गांव में ही आटा चक्की चलाते थे, को पुलिस ने धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के आरोप में हिरासत में लिया था। परिजनों के अनुसार, चार से पांच पुलिसकर्मी दोपहर 2 बजे जीप से उनके घर पहुंचे और बिना स्पष्ट कारण बताए उन्हें चौकी ले गए। जब परिजनों ने कारण पूछा, तो उन्हें बताया गया कि चौकी पहुंचने पर जानकारी दी जाएगी।
परिजनों का आरोप: पुलिस ने थर्ड डिग्री दी
परिजनों का आरोप है कि चौकी ले जाते समय बरौली अहीर मोड़ पर ही पुलिस ने गाड़ी में बैठाकर केदार सिंह को पीटना शुरू कर दिया। जब उनके परिवार के सदस्य पीछा करते हुए पहुंचे और पुलिस को रोकने की कोशिश की, तो पुलिसकर्मियों ने अनसुना कर दिया और उन्हें चौकी ले गए।
चौकी में कथित तौर पर केदार सिंह के मुंह में कपड़ा ठूंसकर बर्बरतापूर्वक पीटा गया। शाम 4 बजे उनकी हालत बिगड़ने पर पुलिसकर्मी उन्हें एक ऑटो में अस्पताल लेकर गए, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
ग्रामीणों का आक्रोश, पुलिस चौकी पर हंगामा
परिजनों को बिना बताए ही पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जब ग्रामीणों को इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने पुलिस चौकी के बाहर प्रदर्शन किया और “पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद” के नारे लगाए। स्थिति बिगड़ती देख पुलिसकर्मी चौकी में ताला लगाकर वहां से भाग गए।
बढ़ते आक्रोश के कारण शाम 6 बजे ग्रामीणों ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा के पास जाम लगा दिया, जिससे दिल्ली, एत्मादपुर और आगरा की ओर जाने वाले वाहनों की लंबी कतार लग गई। प्रदर्शनकारी शव को लाने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग करने लगे।
पुलिस प्रशासन की कार्रवाई
शाम 7:45 बजे डीसीपी पूर्वी जोन अतुल शर्मा मौके पर पहुंचे और मृतक की पत्नी से मुलाकात की। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग की। स्थिति को नियंत्रित करने और भीड़ को शांत करने के लिए अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इसके बाद पुलिस उपायुक्त ने थाना डौकी के प्रभारी निरीक्षक तरुण धीमान को लाइन हाजिर कर दिया। साथ ही, कबीस चौकी प्रभारी सिद्धार्थ चौधरी, दरोगा शिवमंगल और रामसेवक को निलंबित कर दिया गया। इनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी जारी किए गए हैं।
स्थिति अब नियंत्रण में, लेकिन सवाल कायम
करीब दो घंटे के प्रदर्शन और प्रशासन के आश्वासन के बाद ही जाम खुल पाया। लेकिन यह घटना एक बार फिर पुलिस हिरासत में हो रही मौतों और थर्ड डिग्री टॉर्चर के मामलों पर सवाल खड़ा कर रही है।
परिजनों का साफ कहना है कि पुलिसकर्मियों ने क्रूरता दिखाई, जिससे केदार सिंह की मौत हुई। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दिलाता है या नहीं।
A man died in police custody in Agra’s Dauki police station under suspicious circumstances, leading to public outrage and protests. The deceased, Kedar Singh (52), was accused of fraud and detained by the police. Family members allege brutal third-degree torture, including stuffing cloth into his mouth and severe beating, leading to his death in custody. Following protests, the SHO was transferred, and three sub-inspectors were suspended. Authorities have promised a fair investigation into the custodial death case in UP. This incident has sparked fresh debates on police brutality in India.