AIN NEWS 1: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया तेज हो चुकी है। प्रदेश में बीजेपी के नए अध्यक्ष का चयन 15 जनवरी तक होने की उम्मीद जताई जा रही है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को इस चुनाव प्रक्रिया की जिम्मेदारी दी गई है, और जिलाध्यक्षों के चयन के बाद प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान होगा। खास बात यह है कि इस बार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए आदिवासी वर्ग से एक नेता के चयन की संभावना जताई जा रही है, जो पार्टी के वोटबैंक को और मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा सकता है।
आदिवासी नेता को मिल सकती है अध्यक्ष की कमान
मध्य प्रदेश की राजनीति में आदिवासी वर्ग की अहम भूमिका है। बीजेपी ने हमेशा आदिवासी और अन्य वर्गों को साधने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ओबीसी वर्ग से हैं, जबकि उनके कैबिनेट में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ब्राह्मण वर्ग से और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा अनुसूचित जाति से आते हैं। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी ब्राह्मण वर्ग से हैं। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि इस बार आदिवासी वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है।
प्रमुख दावेदारों के नाम
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में कई नाम शामिल हैं, जिनमें प्रमुख रूप से तीन आदिवासी नेताओं का नाम लिया जा रहा है।
1. फग्गन सिंह कुलस्ते
फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला से सातवीं बार सांसद हैं और अटल सरकार तथा मोदी सरकार दोनों में मंत्री रह चुके हैं। कुलस्ते को सरकार और संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है, और वह मध्य प्रदेश में बीजेपी के सबसे सीनियर आदिवासी नेता माने जाते हैं। हालांकि इस बार उन्हें केंद्रीय मंत्री नहीं बनाया गया, लेकिन उनके नाम की चर्चा प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में हो रही है।
2. सुमेर सिंह सोलंकी
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदारों में है। सोलंकी आरएसएस से जुड़े हुए हैं और लंबे समय से प्रदेश की राजनीति में प्रभावी रहे हैं। वे युवा और मालवा क्षेत्र से आते हैं, जो उन्हें पार्टी के लिए एक मजबूत विकल्प बना सकता है।
3. हिमाद्री सिंह
मध्य प्रदेश के शहडोल से सांसद हिमाद्री सिंह का नाम भी इस बार महिला प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चर्चा में है। वे प्रदेश की सबसे कम उम्र की सांसद हैं और आदिवासी वर्ग से आती हैं। हिमाद्री सिंह का नाम इसलिए भी आगे आया है क्योंकि बीजेपी के लिए यह एक रणनीतिक कदम हो सकता है। महिला और आदिवासी प्रतिनिधित्व के साथ-साथ पार्टी को नए नेतृत्व का मौका मिल सकता है।
आदिवासी वर्ग का राजनीतिक महत्व
मध्य प्रदेश में आदिवासी वर्ग का राजनीतिक महत्व बहुत अधिक है। यहां 47 विधानसभा सीटें और 6 लोकसभा सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा, प्रदेश की 100 विधानसभा सीटों पर आदिवासी वर्ग का प्रभाव है, जो चुनावों में अहम भूमिका निभाता है। बीजेपी ने हमेशा इस वर्ग को साधने की कोशिश की है, और अब प्रदेश अध्यक्ष के रूप में आदिवासी नेता का चुनाव इसे और मजबूती प्रदान कर सकता है।
आदिवासी मंत्रियों की मौजूदगी
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में आदिवासी वर्ग के कई मंत्री हैं। इनमें विजय शाह, संपत्तियां उइके और निर्मला भूरिया शामिल हैं। ये सभी नेता राज्य सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर हैं। इसके अलावा, केंद्र सरकार में भी मध्य प्रदेश से आदिवासी सांसदों को मंत्री बनाया गया है, जिनमें बैतूल के सांसद दुर्गादास ऊइके और धार के सांसद सावित्री ठाकुर शामिल हैं।
15 जनवरी तक हो सकता है ऐलान
बीजेपी के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मध्य प्रदेश दौरे के बाद, 15 जनवरी तक नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जा सकती है। पार्टी ने जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है, और अब प्रदेश अध्यक्ष के चयन की शुरुआत की जाएगी। पार्टी की कोशिश है कि अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध हो, जैसे पहले भी कई बार हुआ है।
इस बार आदिवासी वर्ग के नेताओं की चर्चा के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी क्या कदम उठाती है और किसे प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करती है। 15 जनवरी के बाद स्थिति और स्पष्ट हो सकती है, लेकिन फिलहाल यह सवाल बना हुआ है कि क्या बीजेपी इस बार आदिवासी वर्ग से किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी।