AIN NEWS 1: महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। अगर आप भी संगम में पवित्र स्नान का सौभाग्य प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको यात्रा की सही योजना बनानी होगी। प्रयागराज कुंभ मेले में आने वाले लोगों के मन में कई सवाल होते हैं—स्नान का सही समय क्या है? कहां ठहरें? भोजन की क्या व्यवस्था है? और सबसे अहम—कैसे पहुंचें? इस गाइड में आपको महाकुंभ से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी मिलेगी, जिससे आपकी यात्रा सुखद और सुविधाजनक बन सके।
महाकुंभ 2025 के प्रमुख स्नान की तिथियां
महाकुंभ में हर स्नान पर्व का विशेष महत्व होता है। भीड़भाड़ से बचने और सुगम स्नान के लिए तिथियों की जानकारी होना ज़रूरी है।
अगर आप भीड़ से बचना चाहते हैं, तो बड़े स्नान पर्वों को छोड़कर किसी अन्य दिन संगम स्नान करें। सप्ताहांत के दिनों में भी भीड़ ज्यादा होती है, इसलिए यात्रा की योजना सप्ताह के मध्य में बनाएं।
संगम में स्नान का सही समय
संगम स्नान का सबसे उचित समय रात 10:30 बजे से सुबह 4:00 बजे तक का है। इस दौरान भीड़ अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे आप आराम से डुबकी लगा सकते हैं। इस समय यातायात भी कम होता है, जिससे मेला क्षेत्र तक पहुंचना आसान हो जाता है।
संगम स्नान के लिए सही स्थान
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम प्रयागराज कुंभ का मुख्य आकर्षण है। हालांकि, संगम स्थल तक पहुंचना आसान नहीं है। नाव से जाने पर 1200 से 5000 रुपये तक का खर्च आ सकता है और लंबी कतारें हो सकती हैं। इसलिए, अगर संभव हो तो किनारे पर ही स्नान करना उचित रहेगा।
खाने-पीने की व्यवस्था और ज़रूरी टिप्स
महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु आते हैं, इसलिए खाने-पीने की व्यवस्था को लेकर सतर्क रहना ज़रूरी है।
1. मेला क्षेत्र में उपलब्ध भोजन:
हल्दीराम का स्टॉल
हनुमान मंदिर के पास सात्विक भोजनालय
स्नैक्स जैसे चाट, पकौड़ी, भुट्टा, चने, गन्ने का जूस आदि
2. भंडारे और लंगर:
महाकुंभ क्षेत्र में कई स्थानों पर संत-महंतों द्वारा भंडारे आयोजित किए जाते हैं, जहां मुफ्त भोजन मिलता है।
3. यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:
स्नान से पहले पूड़ी-सब्जी या कोई अन्य हल्का भोजन पैक करा लें।
पानी की बोतल साथ रखें।
खाने के बाद कचरा इधर-उधर न फेंके, सफाई का ध्यान रखें।
महाकुंभ में ठहरने की व्यवस्था
महाकुंभ में ठहरने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण पहले से बुकिंग कर लेना उचित रहेगा।
1. धर्मशालाएं और होटल:
प्रयागराज शहर में कई धर्मशालाएं और होटल उपलब्ध हैं।
कुंभ क्षेत्र में अस्थायी टेंट सिटी भी बनाई गई है।
2. टेंट सिटी में सुविधाएं:
सामान्य से लेकर लक्ज़री टेंट तक
शौचालय और स्नान की व्यवस्था
सुरक्षा और चिकित्सा सेवाएं
कैसे पहुंचे महाकुंभ?
1. ट्रेन से यात्रा करें (सर्वश्रेष्ठ विकल्प)
प्रयागराज जंक्शन के अलावा छिवकी और सूबेदारगंज स्टेशनों पर भी ट्रेनें रुक रही हैं।
कुंभ मेले के दौरान कई विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं।
2. सड़क मार्ग से (ऑटो/बस/टैक्सी)
महाकुंभ के दौरान सड़क मार्ग पर भारी जाम की संभावना रहती है।
बड़े स्नान पर्वों पर निजी वाहनों के लिए प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है।
3. हवाई यात्रा (महंगा विकल्प)
प्रयागराज हवाई अड्डे से कुंभ मेला क्षेत्र तक टैक्सी से पहुंचा जा सकता है।
इलाहाबाद एयरपोर्ट के बजाय लखनऊ या वाराणसी से कनेक्टिंग फ्लाइट लेना सस्ता पड़ सकता है।
सुरक्षा और ज़रूरी सावधानियां
भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सामान का विशेष ध्यान रखें।
नकदी के बजाय डिजिटल पेमेंट का उपयोग करें।
परिवार के सदस्यों को पहचान के लिए आईडी कार्ड दें।
छोटे बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर अपने पास रखें।
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