त्रिवेणी संगम में बसंत पंचमी का शुभ स्नान
AIN NEWS 1: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर बसंत पंचमी के दिन लाखों श्रद्धालुओं, संतों और साधुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया। संगम तट पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान का विशेष महत्व है, जिसे अमृत स्नान कहा जाता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर सभी पूज्य संतों, धर्माचार्यों, अखाड़ों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यह अवसर भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं का अनुपम संगम है, जो आध्यात्मिकता, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है।
महाकुंभ 2025 का विशेष महत्व
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता का जीवंत प्रमाण है। इस अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचते हैं और संगम में स्नान कर अपने जीवन को पवित्र करने का प्रयास करते हैं। बसंत पंचमी के दिन संगम में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है, जिससे आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति की मान्यता है।
संतों और अखाड़ों का विशेष स्नान
महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों के संतों और महात्माओं ने परंपरागत रूप से त्रिवेणी संगम में स्नान किया। इस दौरान नागा साधु, वैष्णव संन्यासी, दिगंबर संत, और अन्य धार्मिक समुदायों के प्रमुख साधु-संतों ने शोभायात्रा निकाली।
प्रशासन की विशेष तैयारियाँ
महाकुंभ 2025 के आयोजन को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के तहत लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष पुलिस बल और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गईं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति का भव्य आयोजन है, जो पूरी दुनिया को अध्यात्म, संयम और सेवा का संदेश देता है। उन्होंने संतों और श्रद्धालुओं से अपील की कि वे स्वच्छता और अनुशासन का पालन करें, जिससे महाकुंभ का आयोजन निर्विघ्न और सफलतापूर्वक संपन्न हो सके।
श्रद्धालुओं की अपार आस्था
महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु न केवल स्नान करते हैं, बल्कि कथा-कीर्तन, यज्ञ, प्रवचन और दान-पुण्य जैसे धार्मिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। कल्पवास करने वाले श्रद्धालु एक माह तक तपस्या और साधना में लीन रहते हैं, जिससे उन्हें आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
महाकुंभ 2025 का आयोजन भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं के प्रति गहरी आस्था का परिचायक है। बसंत पंचमी के दिन पवित्र संगम में अमृत स्नान का विशेष महत्व है, जिसे प्राप्त करने के लिए लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचते हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, जो पूरे विश्व को भारतीय आध्यात्मिकता की अद्भुत झलक दिखाता है।
Mahakumbh 2025 in Prayagraj witnessed a grand Basant Panchami Snan at Triveni Sangam, where lakhs of devotees, saints, and Akharas gathered for the holy dip. This sacred event is considered highly auspicious in Hindu pilgrimage and holds great spiritual significance. Yogi Adityanath, the Chief Minister of Uttar Pradesh, extended his greetings and emphasized the cultural and religious importance of the festival. The administration ensured strict security measures for a smooth and divine experience. Mahakumbh is not just a religious gathering but a reflection of India’s rich spiritual heritage and Sanatan traditions.