AIN NEWS 1: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में महाकुम्भ 2025 के आयोजन को लेकर 140 करोड़ देशवासियों से एकता और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति प्रतिबद्धता दिखाने का आह्वान किया। उन्होंने प्रयागराज में होने वाले इस भव्य और दिव्य महाकुम्भ में सभी को शामिल होने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “महाकुम्भ का संदेश है, एक हो पूरा देश। गंगा की अविरल धारा की तरह समाज में एकता बनी रहनी चाहिए, न कि बंटे। यह महाकुम्भ सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, आस्था और एकता का प्रतीक है।”
उन्होंने देशवासियों से इस महाकुम्भ में आस्था के अमृतकाल का हिस्सा बनने की अपील की और विशेष रूप से सोशल मीडिया पर #एकता_का_महाकुम्भ हैशटैग के साथ सेल्फी अपलोड करने का आग्रह किया। मोदी जी ने कहा कि इस डिजिटल युग में सोशल मीडिया के माध्यम से हम अपनी संस्कृति और आस्था को दुनिया भर में साझा कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “महाकुम्भ 2025 एक अद्वितीय अवसर है, जहां पूरे देश के लोग एक साथ एकता के सूत्र में बंधकर गंगा के तट पर आस्था की डुबकी लगाएंगे। यह आयोजन हमारे सांस्कृतिक धरोहर को और मजबूत करेगा और पूरे विश्व में भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करेगा।”
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “महाकुम्भ केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। यह आयोजन हमारी एकता और अखंडता को प्रगाढ़ करेगा।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुम्भ 2025 में लाखों लोग भाग लेंगे और यह आयोजन देशवासियों को एकजुट करने में मदद करेगा। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा इस आयोजन की तैयारी की जानकारी दी और कहा कि पूरी दुनिया में इसे एक ऐतिहासिक और अद्वितीय रूप से आयोजित किया जाएगा।
महाकुम्भ 2025 की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। प्रदेश सरकार ने सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं ताकि लाखों श्रद्धालु सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से इस धार्मिक अनुष्ठान में भाग ले सकें।
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर देशवासियों से महाकुम्भ के इस अद्वितीय आयोजन को सफल बनाने के लिए एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि महाकुम्भ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन बनेगा, बल्कि यह भारतीय एकता, भाईचारे और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनकर दुनिया में भारत को एक नई पहचान दिलाएगा।
आइए, हम सभी मिलकर इस ऐतिहासिक महाकुम्भ का हिस्सा बनें और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संजोते हुए एकता का संदेश फैलाएं।