AIN NEWS 1 गाजियाबाद: श्रीपंच जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने बांग्लादेश को चावल भेजे जाने के मामले में भारतीय सरकार पर कड़ा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि एक ओर बांग्लादेश में भारतीय हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है, मठ-मंदिर तोड़े जा रहे हैं, महिलाओं के साथ अत्याचार किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार उस देश को चावल भेज रही है।
महामंडलेश्वर ने वीडियो संदेश जारी करते हुए इस मुद्दे पर सरकार की नीति पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार लाखों टन चावल और अन्य खाद्य सामग्री बांग्लादेश को भेज रही है, जबकि वहां हमारे हिंदू भाई-बहनों पर अत्याचार हो रहे हैं। नरसंहार, मंदिरों का विनाश और महिलाओं का अपमान किया जा रहा है, और इसके बावजूद भारत सरकार चुप है।
यति नरसिंहानंद ने कहा, “भारत सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह सनातन धर्म को मानने वाले हिंदुओं को एक व्यापारी कौम के रूप में देखती है। जब तक व्यापार चलता रहे, उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हिंदू समाज का शोषण हो रहा है या नहीं।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार का व्यवहार पाकिस्तान से भी कुछ अलग नहीं है। जहां तक व्यापार की बात है, हम हमेशा अपना व्यापार जारी रखते हैं, भले ही उन देशों में हिंदुओं पर अत्याचार हो। “हमारे लिए सबसे बड़ा काम व्यापार है, बाकी सब कुछ गौण है,” उन्होंने आरोप लगाया।
यति नरसिंहानंद ने यह भी कहा कि सरकार का ध्यान हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा की बजाय व्यापार पर अधिक है। उनका कहना था कि अगर हम मठ-मंदिरों के अपमान और हिंदू समुदाय के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो सरकार के पास कोई ठोस कदम नहीं होता।
महामंडलेश्वर ने यह भी स्पष्ट किया कि हिंदू समाज को इस स्थिति से उबारने के लिए एकजुट होकर और कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह हिंदू समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए और उन देशों से व्यापार बंद करे, जो हमारे समाज पर अत्याचार करते हैं।
इस वीडियो के बाद से यति नरसिंहानंद के बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कई लोगों ने उनके बयान का समर्थन किया, जबकि कुछ ने इसकी आलोचना भी की है। अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर सरकार क्या कदम उठाती है और हिंदू समाज के लिए क्या बदलाव होता है।