AIN NEWS 1 | गाजियाबाद जिले के मोदीनगर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सीकरी खुर्द स्थित ऐतिहासिक महामाया मंदिर श्रद्धा और आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है। प्रतिवर्ष नवरात्रि पर्व के दौरान यहां विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और देश के अन्य राज्यों से लाखों श्रद्धालु माता महामाया के दर्शन और पूजन के लिए पहुंचते हैं।
यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद अहम है। इसी कारण श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और धार्मिक वातावरण की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रशासन से कई महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की मांग की गई है।
नवरात्रि मेले की महत्ता
नवरात्रि के दिनों में सीकरी महामाया मंदिर का माहौल अत्यंत भव्य और आध्यात्मिक होता है। माता के दरबार में भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं, श्रद्धालु दिन-रात भजन-कीर्तन और पूजन में लीन रहते हैं। इस दौरान यहां एक ऐसा माहौल बनता है, जो पूरे क्षेत्र में उत्साह, भक्ति और आस्था का संचार करता है। लेकिन इतने बड़े आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था, साफ-सफाई और अनुशासन भी उतना ही जरूरी है।
श्रद्धालुओं की आस्था बनाए रखने के लिए उठाए जाने वाले कदम
सत्य सनातन युवा वाहिनी के पदाधिकारियों और स्थानीय भक्तों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कुछ प्रमुख मांगें रखी हैं, ताकि मेले का आयोजन शांतिपूर्ण और श्रद्धालुओं की भावनाओं के अनुरूप संपन्न हो सके।
1. धार्मिक वातावरण के अनुरूप दुकानें
मंदिर परिसर और आसपास लगने वाली दुकानों में केवल प्रसाद, फल-फूल, धार्मिक सामग्री और खिलौनों की बिक्री की अनुमति दी जाए। असंबंधित वस्तुओं जैसे गन्ने के जूस, झूले या मनोरंजन की अन्य दुकानों को हटाया जाए, ताकि मेले की धार्मिक पवित्रता बनी रहे।
2. दुकानदारों की पहचान और सत्यापन
प्रसाद, खिलौने या अन्य धार्मिक सामग्री बेचने वाले दुकानदारों और ठेले वालों का सत्यापन अनिवार्य किया जाए। यदि कोई अनधिकृत व्यक्ति या अन्य धर्म का व्यक्ति अनुचित रूप से दुकान चला रहा हो, तो उसकी दुकान तुरंत हटाई जाए। साथ ही, हर दुकान पर मालिक और वहां कार्यरत व्यक्तियों का नाम और मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से अंकित हो, जिससे किसी गड़बड़ी की स्थिति में तुरंत कार्यवाही हो सके।
3. मीट-मछली की दुकानों पर रोक
नवरात्रि के पावन पर्व पर क्षेत्र की सभी मीट और मछली की दुकानों को बंद रखा जाए। यह श्रद्धालुओं की आस्था और धार्मिक भावनाओं के सम्मान के लिए अत्यंत आवश्यक है।
4. पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था
भीड़ को नियंत्रित करने और अपराधों पर रोक लगाने के लिए मेले में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। चोरी, चैन स्नैचिंग, पर्स छिनैती और महिलाओं से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी व्यवस्था मजबूत की जानी चाहिए।
5. बाहरी लोगों की पहचान
मंदिर परिसर और आसपास अस्थायी रूप से ठहरे लोगों की पहचान-पत्रों की जांच की जाए। बिना वैध पहचान-पत्र के वहां ठहरे हुए लोगों को तुरंत हटाया जाए, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को रोका जा सके।
क्यों जरूरी है प्रशासनिक हस्तक्षेप?
इतिहास गवाह है कि जब किसी धार्मिक मेले में व्यवस्था की कमी रहती है तो अनहोनी की आशंका बढ़ जाती है। लाखों लोगों की भीड़ के बीच यदि सुरक्षा और अनुशासन का अभाव हो तो हादसों और अपराधों की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए प्रशासन का यह दायित्व बनता है कि नवरात्रि मेले जैसे बड़े आयोजन में सभी व्यवस्थाएं पहले से सुनिश्चित की जाएं।
सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से मांगों का महत्व
यह मांगें केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण हैं। एक तरफ ये कदम श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करेंगे, वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान और गौरव को भी सुरक्षित करेंगे।
विशेष अनुरोध
भक्तों और स्थानीय संगठनों ने प्रशासन से विशेष आग्रह किया है कि 26 सितंबर 2025 तक सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर दी जाएं, ताकि नवरात्रि मेले के दौरान कोई असुविधा न हो।
सीकरी महामाया मंदिर का नवरात्रि मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था और परंपरा का प्रतीक है। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा, धार्मिक पवित्रता और सुविधा के लिए हर संभव कदम उठाए।
स्थानीय संगठनों और भक्तों की यह मांग न केवल उचित है बल्कि समय की आवश्यकता भी है। यदि प्रशासन इन सुझावों को लागू करता है तो नवरात्रि मेले का आयोजन और भी भव्य, सुरक्षित और आस्था के अनुरूप होगा।
इस ज्ञापन को सौंपने के दौरान सत्य सनातन युवा वाहिनी के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। इनमें जिला अध्यक्ष बबलू चौधरी, नगर अध्यक्ष विकास चौधरी, वरिष्ठ सदस्य विनोद रावत, दीपक कादराबाद, मोहित सिंह और प्रदीप सैनी विशेष रूप से शामिल रहे। इन सभी ने एक स्वर में यह मांग की कि नवरात्रि मेले की पवित्रता और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए तथा प्रशासनिक स्तर पर उचित कदम उठाए जाएं।