AIN NEWS 1 महराजगंज, उत्तर प्रदेश – ज़िले में आयोजित एक ऑनलाइन सरकारी बैठक के दौरान शर्मनाक घटना ने सभी को हैरान कर दिया। जिलाधिकारी (DM) संतोष कुमार शर्मा की अध्यक्षता में चल रही ई-चौपाल मीटिंग उस वक्त विवादों में घिर गई, जब अचानक एक अज्ञात व्यक्ति ने बैठक के बीच स्क्रीन शेयर कर अश्लील वीडियो चला दी। इससे माहौल पूरी तरह बिगड़ गया। वहीं, एक अन्य शख्स ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
घटना कैसे घटी?
यह घटना 7 जुलाई को हुई, जब बेसिक शिक्षा विभाग की योजनाओं और स्कूलों में सुधार पर चर्चा के लिए DM ने ई-चौपाल का आयोजन किया था। यह बैठक गूगल मीट पर हो रही थी, जिसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी और सभी खंड शिक्षा अधिकारी जुड़े हुए थे।
बैठक का उद्देश्य था—शिक्षकों और अधिकारियों से सीधा संवाद करके समस्याओं का समाधान निकालना। लेकिन मीटिंग के बीच एक यूजर, जिसका नाम “जेसन जेआर.” दिख रहा था, ने अचानक स्क्रीन शेयर कर लिया और एक आपत्तिजनक वीडियो चला दी।
माहौल कैसे बिगड़ा?
वीडियो चलने के तुरंत बाद मीटिंग में मौजूद लोग हैरान रह गए। इससे पहले कि स्थिति संभाली जाती, “अर्जुन” नाम का एक अन्य यूजर गाली-गलौज करने लगा।
कुछ प्रतिभागियों ने तुरंत मीटिंग छोड़ दी, जबकि बाकी लोग असमंजस में चुपचाप बैठे रहे। मीटिंग का माहौल पूरी तरह असहज और विवादित हो गया।
शिकायत और FIR दर्ज
फरेंदा के खंड शिक्षा अधिकारी सुदामा प्रसाद ने इस मामले की लिखित शिकायत कोतवाली थाने में दी। शिकायत में दोनों अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।
सदर कोतवाल सत्येंद्र कुमार राय ने बताया कि FIR दर्ज हो चुकी है और जांच शुरू हो गई है। इस मामले में साइबर सेल और तकनीकी टीम की मदद ली जा रही है, ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके। पुलिस का कहना है कि जल्द ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
DM का सख्त रुख
जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा—
“यह सिर्फ एक बैठक में व्यवधान नहीं है, बल्कि सरकारी कार्यक्रम और शिक्षा व्यवस्था का अपमान है। दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत करने की हिम्मत न कर सके।”
ई-चौपाल का मकसद
“ई-चौपाल” का उद्देश्य था—शिक्षा विभाग से जुड़े ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों को एक ऑनलाइन मंच पर लाकर उनकी समस्याओं को सीधे DM तक पहुंचाना। लेकिन इस घटना ने न केवल बैठक की शालीनता को ठेस पहुंचाई, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए।
सुरक्षा में चूक
जांच में सामने आया कि गूगल मीट में स्क्रीन शेयर ऑप्शन लॉक नहीं किया गया था। इसी का फायदा उठाकर आरोपी ने वीडियो चला दी।
घटना के बाद प्रशासन ने सभी ऑनलाइन मीटिंग्स में नई सुरक्षा गाइडलाइन्स लागू करने का फैसला लिया, जिनमें —
स्क्रीन शेयर सिर्फ होस्ट ही नियंत्रित करेगा।
प्रतिभागियों की पहचान मीटिंग से पहले सत्यापित की जाएगी।
मीटिंग लिंक सार्वजनिक रूप से साझा नहीं की जाएगी।
साइबर सेल की जांच
पुलिस के अनुसार, साइबर सेल IP एड्रेस और लॉगिन डिटेल्स की जांच कर रही है। उम्मीद है कि जल्द ही दोनों आरोपियों को ट्रैक कर लिया जाएगा। साथ ही, भविष्य में ऐसे मामलों से बचने के लिए अधिकारियों को डिजिटल मीटिंग सुरक्षा प्रोटोकॉल पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जनता की प्रतिक्रिया
घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर नाराज़गी जताई। कई लोगों का कहना है कि—
“यह सिर्फ अधिकारियों का अपमान नहीं है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की छवि खराब करने वाली हरकत है।”
लोगों ने मांग की कि आरोपियों को सख्त सजा दी जाए, ताकि यह दूसरों के लिए सबक बन सके।
यह घटना साफ दिखाती है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की सुरक्षा को हल्के में नहीं लिया जा सकता। चाहे सरकारी बैठक हो या निजी, डिजिटल सुरक्षा के बुनियादी नियमों का पालन बेहद जरूरी है। वरना, एक छोटी सी चूक से पूरी मीटिंग का माहौल बिगड़ सकता है और गंभीर कानूनी विवाद खड़े हो सकते हैं।
In Maharajganj, Uttar Pradesh, a DM-led E-Choupal meeting aimed at improving the education system was shockingly interrupted when an unknown participant played a pornographic video via Google Meet. Adding to the disruption, another person made abusive remarks, forcing officials to halt the session. FIR has been registered, and the cyber cell is actively investigating to track down the culprits. This incident has raised serious concerns about online meeting security and the vulnerability of virtual government programs.