AIN NEWS 1 | महाराष्ट्र की राजनीति लंबे समय से मराठा समुदाय के इर्द-गिर्द घूमती रही है। राज्य के 18 मुख्यमंत्रियों में से 10 मराठा समुदाय से आए हैं, जिसमें वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल हैं।
मराठा समुदाय का प्रभाव
फरवरी 2024 की महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (MSBCC) की रिपोर्ट के अनुसार, मराठा समुदाय राज्य की लगभग 13 करोड़ आबादी का 28% हिस्सा हैं। यह समुदाय 288 विधानसभा सीटों में से करीब 150 सीटों और 48 लोकसभा क्षेत्रों में से 25 क्षेत्रों पर प्रभाव डालता है।
मराठा आंदोलन और मनोज जरांगे पाटिल
मराठा आरक्षण आंदोलन राज्य में चर्चा का विषय रहा है, जिसमें मनोज जरांगे पाटिल प्रमुख चेहरे के रूप में उभरे। उन्होंने हाल ही में कहा, “हमने काफी विचार-विमर्श के बाद राज्य में कोई भी उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है। मराठा समुदाय खुद तय करेगा कि किसे हराना है और किसे चुनना है। मैं किसी भी राजनीतिक दल को समर्थन नहीं दे रहा हूं।”
जरांगे ने यह भी बताया कि वे 14 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे थे, जिनमें से 11 पर फैसला लंबित था। उनका मानना है कि केवल मराठा समुदाय के वोट से चुनाव जीतना संभव नहीं है।
महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाव
महाराष्ट्र की राजनीति अन्य राज्यों से अलग है। राज्य में इस बार के चुनावों में नई परिस्थितियां देखने को मिल रही हैं। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) दोनों के विभाजन के बाद मुकाबला रोचक हो गया है।
शिवसेना के एक हिस्से का नेतृत्व एकनाथ शिंदे कर रहे हैं, जबकि दूसरे का नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे हैं। NCP भी दो गुटों में बंट गई है—एक अजित पवार के नेतृत्व में और दूसरा शरद पवार के नेतृत्व में। महायुति और महाविकास अघाड़ी, ये दो बड़े गठबंधन राज्य की राजनीति में आमने-सामने हैं।
चुनाव की तिथि
महाराष्ट्र में 20 नवंबर 2024 को विधानसभा चुनाव होंगे, जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। उम्मीदवारों के नाम वापसी की अंतिम तिथि 4 नवंबर थी।
यह चुनाव न केवल मराठा समुदाय बल्कि पूरे महाराष्ट्र की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।