AIN NEWS 1: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक पोस्ट में बताया कि केंद्र सरकार ने मराठी को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा देने का निर्णय लिया है। इस निर्णय पर महाराष्ट्र में खुशी का माहौल है।
मुंबई में कार्यक्रम का आयोजन
मंगलवार की शाम, प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई में एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्तित्व शामिल हुए, जिन्होंने इस निर्णय के प्रति अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। पीएम मोदी ने कहा कि यह मांग कई दशकों से उठाई जा रही थी और उनके सरकार को इसे पूरा करने का अवसर मिला, यह उनके लिए गर्व की बात है।
शास्त्रीय भाषा का महत्व
मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से न केवल भाषा की सांस्कृतिक धरोहर को मान्यता मिली है, बल्कि यह महाराष्ट्र के लोगों की पहचान को भी मजबूती प्रदान करेगा। शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से साहित्य, कला, और संस्कृति के विकास के लिए नए अवसर भी खुलेंगे।
लोगों की मांग का सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले को लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग का सम्मान बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय महाराष्ट्र के लोगों के लिए एक बड़ा उपहार है, जो उनकी भाषा और संस्कृति के प्रति गर्व का प्रतीक है।
साहित्यिक और सांस्कृतिक विकास
मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से राज्य में साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे मराठी भाषा में नए साहित्यिक काम और शोध प्रोजेक्ट्स को प्रोत्साहन मिलेगा।
अंतिम विचार
यह निर्णय न केवल महाराष्ट्र के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। यह भारतीय भाषाओं की विविधता को पहचानने और उनके विकास के लिए एक सकारात्मक कदम है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले के लिए केंद्र सरकार की सराहना की और महाराष्ट्रवासियों को इस खुशी के अवसर पर बधाई दी।
इस तरह, महाराष्ट्र को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा मिलने की खुशी ने पूरे राज्य को एक नई दिशा दी है, और इस फैसले से लोगों की भाषा और संस्कृति को एक नई पहचान मिलेगी।