मराठी भाषा को लेकर महाराष्ट्र में बवाल, ठाकरे समर्थकों ने दुकानदारों से करवाई उठक-बैठक, नीतीश राणे ने दी खुली चुनौती
Uddhav Thackeray Party Workers Force Shopkeepers to Apologize Over Marathi Language Row in Maharashtra
AIN NEWS 1: महाराष्ट्र में एक बार फिर भाषा को लेकर विवाद सामने आया है। ठाकरे गुट की पार्टी—जिसे उद्धव ठाकरे और उनके भाई नियंत्रित करते हैं—के कुछ कार्यकर्ताओं ने हाल ही में दुकानदारों के साथ बदसलूकी की। इस विवाद की वजह थी दुकानों पर मराठी भाषा का उपयोग न होना।
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि कुछ कार्यकर्ता दुकानदारों से जबरदस्ती माफी मंगवा रहे हैं। न सिर्फ माफी ली गई, बल्कि दुकानदारों को सड़क पर उठक-बैठक भी करवाई गई। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि इन दुकानों पर मराठी भाषा में बोर्ड नहीं लगे थे और मराठी ग्राहकों से संवाद भी हिंदी या अन्य भाषा में किया जा रहा था।
इस घटना के बाद महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता नीतीश राणे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ठाकरे गुट को खुली चुनौती देते हुए कहा,
“अगर हिम्मत है तो जाकर मुसलमानों से कहिए कि वो भी मराठी में अज़ान पढ़ें।”
नीतीश राणे का यह बयान राजनीतिक गलियारों में गर्म बहस का मुद्दा बन गया है। उनका इशारा साफ था कि ठाकरे गुट केवल हिंदू व्यापारियों पर मराठी थोपने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अल्पसंख्यकों के मामले में चुप्पी साध लेता है।
महाराष्ट्र में पहले भी भाषा को लेकर ऐसे विवाद होते रहे हैं। मराठी को लेकर क्षेत्रीय अस्मिता की भावना को अक्सर राजनीतिक फायदे के लिए भुनाया जाता है। हालांकि, इस बार मामला थोड़ा अलग है, क्योंकि इसमें धार्मिक और सांप्रदायिक एंगल भी जुड़ गया है।
स्थानीय नागरिकों में इस घटना को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग मराठी के सम्मान की बात कर रहे हैं, तो कई लोग मानते हैं कि भाषा को लेकर जबरदस्ती करना किसी भी हाल में सही नहीं है।
In Maharashtra, a major language controversy erupted when Uddhav Thackeray-led party workers allegedly assaulted shopkeepers for not using Marathi on their storefronts. The workers demanded public apologies and forced sit-ups from the shopkeepers. BJP leader and state minister Nitesh Rane challenged the Thackeray faction by asking if they could get Muslims to deliver Azaan in Marathi. The incident has sparked a political clash involving Marathi language imposition and questions of religious bias. This Marathi language row continues to escalate tensions in the state.