AIN NEWS 1 | उत्तर प्रदेश के संभल जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सोशल मीडिया पर वायरल होने की अंधी दौड़ के खतरों को उजागर कर दिया है। यहां की दो युवतियों—महक और परी—ने इंस्टाग्राम पर लोकप्रिय होने के लिए अश्लील रील्स बनाई, लेकिन यह लोकप्रियता अब उनके लिए कानूनी सिरदर्द बन गई है।
इंस्टाग्राम पर ‘mehakpari143’ से शुरू हुआ सफर
महक और परी की उम्र लगभग 18-20 साल बताई जा रही है। दोनों ने इंस्टाग्राम पर एक साथ ‘mehakpari143’ नाम से अकाउंट बनाकर वीडियो पोस्ट करना शुरू किया। उनका उद्देश्य था जल्दी से वायरल होकर फेमस होना। इन रील्स में उन्होंने गाली-गलौज, अभद्र भाषा और आपत्तिजनक इशारों का इस्तेमाल किया।
⚠️ वायरल तो हुईं, लेकिन उल्टे असर के साथ
कुछ ही समय में ये वीडियो तेजी से वायरल होने लगे, लेकिन इन्हें सराहना नहीं मिली, बल्कि आलोचना झेलनी पड़ी। सोशल मीडिया पर लोगों ने इन रील्स को शर्मनाक बताया और संबंधित पुलिस अधिकारियों को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की।
पुलिस एक्शन में आई, केस दर्ज
शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए असमोली थाना पुलिस ने वीडियो की जांच की। इसके बाद महक और परी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296(B) और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत केस दर्ज कर लिया गया।
सीओ कुलदीप सिंह ने बताया कि आरोप गंभीर हैं और सोशल मीडिया का इस तरह गलत उपयोग करना अब कानून की नजर में अपराध है।
शामिल हैं और भी चेहरे?
पुलिस जांच में सामने आया है कि महक और परी इस वीडियो निर्माण में अकेली नहीं थीं। वीडियो शूटिंग और अपलोडिंग में दो अन्य युवक भी शामिल हो सकते हैं। उनकी पहचान की जा रही है, और पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये वीडियो सिर्फ मनोरंजन के लिए थे या इसके पीछे कोई और योजना थी।
फॉलोअर्स की दौड़ ने बिगाड़ा भविष्य
महक और परी के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर लगभग 1450 फॉलोअर्स थे और उन्होंने अब तक 80 से ज्यादा पोस्ट किए थे, जिनमें से कई वीडियो आपत्तिजनक श्रेणी में आते हैं। सोशल मीडिया पर तेज़ी से “वायरल” होने की चाह ने उन्हें सोचने का मौका नहीं दिया कि इसका अंत कहां हो सकता है।
गांव की छवि को नुकसान
इन वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद, शहवाजपुर गांव में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। ग्रामीणों ने लड़कियों के इस कदम को गांव की प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाला बताया। कई लोगों ने कहा कि “दो लोगों की हरकत ने पूरे गांव की छवि खराब कर दी।”
सोशल मीडिया फेम: क्या ये सच में सफलता है?
आज के दौर में सोशल मीडिया पर वायरल होना बहुत से युवाओं का सपना बन चुका है। लेकिन वायरल होने के लिए यदि आप भाषा और आचरण की सीमाएं लांघते हैं, तो वह फेम कुछ दिनों का होता है और परिणाम जीवनभर भुगतना पड़ सकता है। महक और परी की यह घटना उसी सोच का प्रतिफल है।
कानून क्या कहता है?
आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत डिजिटल माध्यम से अश्लील कंटेंट का प्रकाशन या प्रसारण अपराध माना जाता है, जिसमें तीन से पांच साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। BNS की धारा 296(B) भी अश्लीलता फैलाने को दंडनीय अपराध मानती है।
पुलिस का बयान
सीओ कुलदीप सिंह ने कहा –
“इन युवतियों ने जानबूझकर सोशल मीडिया पर समाज विरोधी कंटेंट पोस्ट किया है। इनके साथ जो युवक इस काम में शामिल थे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई जारी है। यह समाज में गलत संदेश देता है, और ऐसे मामलों में कठोर कानूनी कदम उठाना जरूरी है।”
महक और परी की कहानी एक सबक है – शॉर्टकट से मिली फेम केवल भ्रम होती है। सोशल मीडिया की दुनिया में लोकप्रियता पाना गलत नहीं, लेकिन यह रास्ता अगर गैरकानूनी या अनैतिक हो, तो वह फेम ज्यादा दिनों तक नहीं टिकती।
इस केस से सीखने की जरूरत है कि डिजिटल स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी जरूरी है।
जो कंटेंट हम ऑनलाइन डालते हैं, उसका असर सिर्फ हमारी नहीं, हमारे परिवार, समाज और यहां तक कि पूरे गांव की छवि पर पड़ता है।
Mahek and Pari from Sambhal, Uttar Pradesh, gained online attention after their Instagram reels containing obscene gestures and abusive language went viral. Using the account ‘mehakpari143’, they tried to gain fast fame on social media. However, the content sparked outrage among viewers and led to police action under BNS Section 296(B) and IT Act 67. This case underscores the consequences of misusing digital platforms for attention and highlights the importance of responsible social media behavior.