Sunday, December 22, 2024

नया नहीं ममता का रुख, पहले भी ‘INDIA’ गठबंधन के नेतृत्व की जता चुकी इच्छा, नीतीश कुमार के कारण हुईं थी खफा

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी एक बार फिर से ‘INDIA’ गठबंधन के नेतृत्व पर अपनी इच्छा जाहिर करने के चलते सुर्खियों में हैं। उनके हालिया बयान ने विपक्षी गठबंधन के भीतर चल रहे मतभेद को और उजागर कर दिया है।


🗣️ क्या कहा ममता बनर्जी ने?

  • ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने INDIA गठबंधन बनाया है और वह इसका नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।
  • इस बयान के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने उन पर तीखी टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘बीजेपी का एजेंट’ तक बता दिया।

⚔️ INDIA गठबंधन में ममता बनर्जी की नाराजगी के कारण

  1. नीतीश कुमार की भूमिका:
    • गठबंधन में संयोजक के तौर पर नीतीश कुमार को लाने की चर्चा से ममता बनर्जी नाराज हुई थीं।
    • ममता चाहती थीं कि उन्हें इस तरह के निर्णयों की जानकारी पहले दी जाए।
  2. अलग कार्यशैली:
    • ममता बनर्जी की कार्यशैली कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों से अलग है।
    • उन्होंने कई महत्वपूर्ण बैठकों में टीएमसी की गैर-मौजूदगी दर्ज कराई, जैसे कि मल्लिकार्जुन खरगे के घर हुई बैठक।
  3. टीएमसी के सांसदों की मांग:
    • टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने गठबंधन से ममता को नेता मानने की अपील की।
    • उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी ही बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर कड़ी चुनौती दे सकती हैं।

🤝 गठबंधन की आंतरिक समस्याएं

  1. नेतृत्व को लेकर असहमति:
    • ममता बनर्जी के नेतृत्व की चाहत और कांग्रेस की आलोचना के चलते INDIA गठबंधन में दरारें दिखने लगी हैं।
  2. क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाएं:
    • केसीआर, शरद पवार, और अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं की भी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं हैं।
    • लेकिन ममता के पास पश्चिम बंगाल में लोकसभा की बड़ी संख्या होने के कारण उनकी दावेदारी मजबूत है।

🏛️ राजनीतिक नतीजे

  • विपक्ष की एकजुटता:
    • यदि गठबंधन में मतभेद बढ़ते हैं, तो विपक्ष की 2024 के चुनावों में एकजुटता प्रभावित हो सकती है।
  • बीजेपी को फायदा:
    • ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच बढ़ता तनाव, बीजेपी के लिए चुनावी लाभ का अवसर हो सकता है।

🚨 निष्कर्ष

ममता बनर्जी की नेतृत्व की दावेदारी और ‘INDIA’ गठबंधन में समन्वय की कमी, विपक्ष के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है। अगर ये मतभेद जल्द सुलझाए नहीं गए, तो 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष की एकता पर बड़ा सवाल खड़ा हो सकता है।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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