AIN NEWS 1 | सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने कड़ी मेहनत के बाद बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को खोल दिया है। हनुमान चट्टी, रड़ांग बैंड और कंचन गंगा क्षेत्र में सात बड़े हिमखंडों को काटकर बीआरओ की मशीनें बदरीनाथ धाम तक पहुंच गईं। सबसे कठिन चुनौती रड़ांग बैंड से तीन किलोमीटर आगे थी, जहां 11 फीट ऊंचा हिमखंड हाईवे को पूरी तरह अवरुद्ध कर रहा था। इसे हटाने के लिए पोकलेन और जेसीबी का उपयोग किया गया।
बीआरओ की टीमों का साहसिक कार्य
बीआरओ के कमांडर कर्नल अंकुर महाजन ने बताया कि अत्यधिक ठंड और कठिन परिस्थितियों के बावजूद उनकी टीम ने लगातार काम करके हाईवे को खोल दिया। अब रविवार को आपदा प्रबंधन और एसडीआरएफ की टीमें माणा गांव पहुंचेंगी, जिससे वहां फंसे लोगों तक राहत सामग्री और आवश्यक सहायता पहुंचाई जा सकेगी।
बिरही-निजमुला सड़क निर्माण पर उठे सवाल
जहां बीआरओ की टीमें कठिन परिस्थितियों में बेहतरीन काम कर रही हैं, वहीं बिरही-निजमुला सड़क के चौड़ीकरण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में बनाए गए सड़क के पुस्ते मात्र दो दिन की बारिश में धंस गए, जिससे सड़क के बंद होने का खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे सड़क की हालत लगातार बिगड़ रही है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत इस सड़क का निर्माण हो रहा है, लेकिन मानकों के अनुरूप हिल कटिंग नहीं की जा रही, जिससे बारिश में पुस्ते धंसने का खतरा बना हुआ है।
स्थानीय निवासियों की मांग
स्थानीय निवासी तारेंद्र सिंह, प्रकाश सिंह, अनुज सिंह, वीरेंद्र सिंह और विक्रम सिंह ने मांग की है कि प्रशासन को सड़क की गुणवत्ता की नियमित जांच करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि यदि सर्दियों की हल्की बारिश में ही सड़क की यह हालत है, तो बरसात में स्थिति और भी खराब हो सकती है।
राहत सामग्री भेजने की तैयारी
अब जब बदरीनाथ हाईवे खुल चुका है, प्रशासन ने माणा गांव में फंसे लोगों के लिए राहत सामग्री भेजने की योजना बना ली है। एसडीआरएफ की टीमें हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति का जायजा लेंगी और जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाएंगी।
प्रशासन से कड़ी निगरानी की मांग
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि वे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की कड़ी निगरानी रखें, ताकि भविष्य में सड़कें सुरक्षित बनी रहें। खासतौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में सड़क निर्माण को मानकों के अनुरूप करना बेहद जरूरी है।
मौसम पर टिकी निगाहें
अब सभी की नजरें मौसम पर टिकी हैं। यदि आने वाले दिनों में मौसम साफ रहता है, तो राहत कार्यों को और तेज किया जाएगा। वहीं, बिरही-निजमुला सड़क की क्षति को लेकर स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाएगा।
The Mana Rescue Operation has achieved a major breakthrough as the Border Roads Organisation (BRO) successfully cleared the Badrinath National Highway despite extreme conditions. BRO teams removed large avalanche blocks near Hanuman Chatti, Radang Bend, and Kanchan Ganga, reopening the highway. SDRF and disaster management teams are now en route to Mana village to provide essential aid to stranded individuals. Meanwhile, concerns arise over the Birhi-Nizmula road widening project, where a retaining wall collapsed after just two days of rain, raising serious road construction quality issues in Uttarakhand.