AIN NEWS 1 | भारत पर हुए आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड और वैश्विक आतंकवादी मसूद अजहर एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह पाकिस्तान का झूठ और तालिबान की सख्त प्रतिक्रिया है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने साफ कर दिया है कि मसूद अजहर उनके देश में नहीं है और ऐसी खबरें केवल भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास फैलाने के लिए उड़ाई जा रही हैं।
तालिबान के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, ये अफवाहें एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा हैं, जिसका मकसद भारत और तालिबान सरकार के बीच बन रहे बेहतर रिश्तों को कमजोर करना है। सूत्रों ने सीधे तौर पर पाकिस्तान और अमेरिका की ओर इशारा किया, हालांकि किसी का नाम नहीं लिया गया।
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि मसूद अजहर अब पाकिस्तान में नहीं, बल्कि अफगानिस्तान में हो सकता है। भारत की खुफिया एजेंसियों ने इस बयान पर शक जताया और इसे पाकिस्तान द्वारा ध्यान भटकाने की चाल बताया, ठीक उसी तरह जैसे अमेरिका कभी तोरा-बोरा में ओसामा बिन लादेन को ढूंढ रहा था जबकि वह एबटाबाद में छिपा हुआ था।
मसूद अजहर लंबे समय से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और सेना के संरक्षण में है। जब भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर स्थित ठिकाने पर एयर स्ट्राइक की थी, तब मसूद के कई करीबी और परिजन मारे गए थे। उसके बाद से वह भूमिगत हो गया।
खुद मसूद ने उस हमले के बाद एक बयान में कहा था, “काश मैं भी मर जाता…” लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अब उसे अफगानिस्तान में छिपा हुआ बताया जा रहा है — जो कि तालिबान सरकार के मुताबिक झूठ है।
तालिबान ने इसे साफतौर पर भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्ते खराब करने की साजिश बताया है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने यहां तक कहा कि अगर भारत सबूत देगा कि मसूद पाकिस्तान में है तो उसे गिरफ्तार करने में खुशी होगी। लेकिन भारत पहले ही दर्जनों बार मसूद के पाकिस्तान में मौजूद होने के पुख्ता सबूत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पेश कर चुका है।
मसूद अजहर वही आतंकी है जिसने 2001 के संसद हमले, 26/11 मुंबई अटैक, 2016 पठानकोट हमला और 2019 के पुलवामा हमले की साजिश रची थी। वह जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक है और अब भी आतंक की राह पर कायम है।
2024 में वह फिर से पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित उसी मदरसे और मस्जिद परिसर में देखा गया, जिसे भारत की एयर स्ट्राइक में नुकसान पहुंचा था। उस दौरान उसने भारत और इजरायल के खिलाफ जहरीला भाषण दिया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ भड़काऊ बातें कही गई थीं।
तालिबान ने इस पूरे मामले पर भारत का साथ देते हुए साफ किया है कि अफगानिस्तान की धरती आतंकियों के लिए इस्तेमाल नहीं होने दी जाएगी और पाकिस्तान अपने पुराने हथकंडों से भारत-अफगान रिश्तों को खराब करने की कोशिश कर रहा है।
Taliban has officially denied the presence of global terrorist Masood Azhar in Afghanistan, contradicting Pakistan’s recent claims. The statement suggests that the rumor is part of a larger conspiracy to weaken growing ties between India and Afghanistan. Masood Azhar, founder of Jaish-e-Mohammed and wanted for major attacks like Pulwama, Pathankot, and the Indian Parliament strike, is believed to be hiding in Pakistan under ISI protection. His resurfacing through manipulated narratives signals yet another attempt to deflect global attention from Pakistan’s deep state links to terrorism.