AIN NEWS 1 | बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार (7 सितंबर) को लखनऊ में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पार्टी संगठन की मजबूती, जिला और बूथ स्तर पर कमेटियों के गठन की प्रगति की समीक्षा और जनाधार को बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा करना था।
बैठक में मायावती ने संगठनात्मक कार्यों के साथ-साथ मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक हालात पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने खासकर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत ट्रंप टैरिफ पर गहरी चिंता जताई और कहा कि भारत सरकार को इससे निपटने के लिए ठोस सुधारवादी कदम उठाने होंगे।
ट्रंप टैरिफ और भारत की चुनौतियां
मायावती ने कहा कि अमेरिका के इस भारी-भरकम टैरिफ से भारत को आर्थिक स्तर पर कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
उनका मानना है कि मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार और बीजेपी को केवल राजनीतिक लाभ की बजाय देशहित और जनता की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियों में बड़े बदलाव करने होंगे।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने ठोस सुधार नहीं किए, तो भारत के बहुसंख्यक वर्ग यानी गरीब, बेरोजगार और वंचित समाज पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
मायावती ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा और पलायन जैसी समस्याएं और गहरी हो जाएंगी, जिससे न केवल जनता प्रभावित होगी बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख भी कमजोर हो सकती है।
सामाजिक और सांप्रदायिक हालात पर चिंता
बैठक में मायावती ने सामाजिक और सांप्रदायिक मुद्दों पर भी अपनी गहरी चिंता जाहिर की।
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में कुछ ताकतें पूजास्थलों, संतों, गुरुओं और महापुरुषों का अपमान करके जानबूझकर समाज में तनाव फैलाने की कोशिश कर रही हैं।
मायावती ने इसे देश की सामाजिक एकता और राजनीतिक स्थिरता के लिए बेहद खतरनाक बताया।
उन्होंने सभी सरकारों से अपील की कि संकीर्ण, जातिवादी और साम्प्रदायिक राजनीति को छोड़कर, ऐसे तत्वों पर कड़ा कानूनी एक्शन लिया जाए ताकि कानून का राज कायम रह सके।
बीएसपी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर बड़ा कार्यक्रम
बैठक के दौरान मायावती ने बीएसपी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि (9 अक्टूबर) पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की तैयारियों की भी समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि इस बार का कार्यक्रम ऐतिहासिक और भव्य होगा, जिसमें पूरे प्रदेश से लाखों कार्यकर्ता और समर्थक शामिल होंगे।
यह कार्यक्रम लखनऊ के वीआईपी रोड स्थित विशाल मान्यवर श्री कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित किया जाएगा।
मायावती ने कहा कि वे खुद इस श्रद्धांजलि समारोह का नेतृत्व करेंगी और इस अवसर पर आगे की राजनीतिक रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।
मायावती का संदेश और राजनीतिक संकेत
मायावती के इस संबोधन को केवल आर्थिक मुद्दों तक सीमित नहीं देखा जा सकता।
उनका संदेश साफ था कि बीएसपी न केवल बहुजनों और वंचित वर्गों की आवाज उठाएगी, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभर रही चुनौतियों पर भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाएगी।
ट्रंप टैरिफ जैसे मुद्दों पर उनकी चिंता यह दिखाती है कि बीएसपी केवल सामाजिक न्याय की राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि वह देश की आर्थिक नीतियों पर भी गहरी नजर रख रही है।
मायावती ने लखनऊ की इस बैठक में साफ कर दिया कि आने वाले समय में बीएसपी एक मजबूत राजनीतिक शक्ति के रूप में मैदान में उतरेगी।
उन्होंने जहां एक ओर संगठनात्मक मजबूती पर जोर दिया, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार को ट्रंप टैरिफ और सामाजिक सौहार्द जैसे मुद्दों पर चेतावनी भी दी।
उनका यह बयान न केवल बीएसपी कार्यकर्ताओं को नया उत्साह देता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि 2024 और 2025 की राजनीति में बीएसपी अपनी भूमिका और आक्रामकता को और मजबूत करेगी।