Mewat: आख़िर है क्या मेवात और इस का भूगोल और इतिहास, क्यों मुस्लिमों के हिन्दू नाम होते हैं यहां?

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AIN NEWS 1 Mewat : जैसा कि आप जानते है हरियाणा के नूंह जिले में 31 जुलाई और एक अगस्त को जो साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी। इस हिंसक हिंसा की घटनाएं केवल मेवात तक ही सीमित नहीं रहीं बल्कि इसके यह इसके पड़ोसी जिलों पलवल और गुरग्राम तक भी पहुंच गईं थी। वहा पर हुई अलग-अलग घटनाओं में दो पुलिसकर्मियों समेत छह लोगों की अब तक जान चली गई।अभी अभी इतनी ज्यादा चर्चा में आया यह नूंह हरियाणा के 22 जिलों में से ही एक है। 2016 से पहले तक इस जिले को मेवात के नाम से ही जाना जाता था। ओर यह मेवात जिला 2005 में ही अस्तित्व में आया। जान ले चार अप्रैल 2005 को ही गुड़गांव जिले और फरीदाबाद जिले के हाथिन ब्लॉक के क्षेत्रों को लेकर के इस जिले को मेवात जिले के रूप में ही बनाया गया था। हालांकि, उस समय हाथिन उप-मंडल को 2008 में पलवल के नए जिले में ही स्थानांतरित कर दिया गया था।

लेकीन 2016 में जब गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किया गया था तब ही उसके पड़ोसी जिले मेवात का नाम भी बदलकर भी उस समय नूंह कर दिया गया था। वैसे तो मेवात इलाके का इतिहास काफी ज्यादा पुराना है। ओर यहां मुगल काल से लेकर आजादी की लड़ाई तक में भी इस इलाके की चर्चा रही है। लिहाजा यह जानना बहुत ही जरूरी है कि आखिर यह मेवात है क्या? ओर इसका भूगोल क्या है? यहां के जनसांख्यकीय आंकड़े आख़िर क्या हैं? इस पूरे क्षेत्र का इतिहास क्या है? तो आइये आज जानते हैं… कि आखिर मेवात है क्या?

जान ले भौगोलिक दृष्टि से मेवात एक पहाड़ी क्षेत्र है, जिसमें प्राचीन मत्स्य-देश और सुरसेन का भी हिस्सा है। लेकीन अगर मौजूदा दौर की बात करें तो ये इलाका हरियाणा और उत्तर-पूर्वी राजस्थान के आधुनिक दक्षिणी भाग के ही हिस्से को मिलाकर पूरा बनता है। प्राचीन काल में तो, इसकी सीमाएं मोटे तौर पर राजस्थान में भरतपुर में देग, अलवर और धौलपुर, हरियाणा के रेवाड़ी, पलवल और गुड़गांव और उत्तर प्रदेश में भी मथुरा जिलों के कुछ हिस्सों को इसमें शामिल किया गया है। मेवात में ही अरावली पर्वतशृंखला के कई सारे पहाड़ियां आती हैं। वैसे तो 2011 में इस जिले का जनसंख्या घनत्व 729 निवासी प्रति वर्ग किलोमीटर था। 2001-2011 के दशक में इसकी जनसंख्या वृद्धि दर लगभग 37.94 फीसदी थी। यहां पर प्रति 1000 पुरुषों पर 906 महिलाओं का लिंगानुपात है और यहां की साक्षरता दर 56.1 प्रतिशत है। वैसे तो मेवात में साक्षरता दर बेहद ही कम है, खासकर यहां रहने वाली महिलाओं के मामले में। मेवात में मुस्लिम महिलाओं के लिए भी साक्षरता दर महज 1.76% से 2.13% के बीच ही है जो हमारे देश में सबसे कम है। फिलहाल तो नूंह क्षेत्र 1507 वर्ग किमी में ही फैला हुआ है। नूंह के ही 443 गांवों और पांच छोटे शहरों में 10.89 लाख लोग रहते हैं ओर यह क्षेत्र हरियाणा के सबसे पिछड़ा क्षेत्र है। जिले में पांच तहसील, एक उप तहसील और पांच ब्लॉक भी शामिल हैं।

मेवात जिला उत्तर में गुरुग्राम, पूर्व में पलवल और दक्षिण और पश्चिम में राजस्थान के अलवर जिले से पूरी तरह घिरा है और यही नहीं इसकी सीमाएं राजस्थान के भरतपुर जिले से भी छूती हैं। मेवात जिले का कुछ क्षेत्र पुनहाना तहसील के बिछोर गांव और नाई गांव के पास उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से भी छूते हुए हैं। इसके साथ ही यह जिला देश की राजधानी दिल्ली से भी अधिक ज्यादा दूर नहीं है। इसका सबसे दूर बिंदु राष्ट्रीय राजधानी से लगभग 145 किलोमीटर दूर है।

पूरे मेवात में ही आबादी के आंकड़े आख़िर क्या हैं?

2011 में मेवात की जनसंख्या कुल 10,89,263 थी, जिसमें पुरुष और महिला क्रमशः 5,71,162 और 5,18, 101ही थे। 2001 की जनगणना के अनुसार, मेवात की जनसंख्या 7,89,750 थी, जिसमें पुरुष 4,15,947 और शेष इनमे 3,73,803 महिलाएं थीं।

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