AIN NEWS 1 कोल्हापुर (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में एक चमत्कारी घटना ने सबको हैरान कर दिया। 65 वर्षीय पांडुरंग तात्या उलपे, जिन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद मृत घोषित कर दिया गया था, एक स्पीड ब्रेकर के झटके से अचानक जीवित हो उठे। यह घटना 16 दिसंबर 2024 की है, जब पांडुरंग उलपे को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना का विवरण: पांडुरंग उलपे कसबा बावड़ा के निवासी हैं। 16 दिसंबर को उन्हें अचानक चक्कर आया और सांस लेने में तकलीफ हुई, जिसके बाद उनके परिजन उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले गए। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद मृत घोषित कर दिया। इसके बाद अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी गईं और रिश्तेदार घर पर इकट्ठा होने लगे।
एंबुलेंस में हुआ चमत्कारी घटनाक्रम: जब पांडुरंग का शव अंतिम संस्कार के लिए एंबुलेंस में घर ले जाया जा रहा था, तो रास्ते में एक स्पीड ब्रेकर पर एंबुलेंस के उछलने से उनके शरीर में हलचल देखी गई। यह देख उनके परिजन चौंक गए और उन्होंने तुरंत एंबुलेंस को पास के एक अन्य अस्पताल में ले जाकर डॉक्टरों से जांच करवायी।
चिकित्सकों ने किया पुष्टि: नए अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों ने पाया कि पांडुरंग उलपे जीवित हैं। उन्होंने बताया कि दिल का दौरा आने के कारण पांडुरंग की स्थिति काफी गंभीर हो गई थी, लेकिन एंबुलेंस में स्पीड ब्रेकर के झटके ने उनके शरीर में कुछ हरकतें उत्पन्न की, जिससे उनका दिल फिर से धड़कने लगा।
इलाज और स्वास्थ्य में सुधार: डॉक्टरों ने पांडुरंग का इलाज शुरू किया और उन्हें एंजियोप्लास्टी दी गई। इसके बाद वे 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे। अब उनकी हालत पूरी तरह से ठीक है और वे स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं: यह चमत्कारी घटना पांडुरंग के परिजनों के लिए एक अमूल्य उपहार के समान है। उनके परिवार के सदस्य इस अद्भुत घटना को एक चमत्कार मानते हैं और इस घटना को लेकर पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि जीवन और मृत्यु के बीच का फर्क कभी-कभी चमत्कारी रूप से मिट सकता है।
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