AIN NEWS 1: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कज़ान BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंध न केवल हमारे देशों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी आवश्यक हैं।
मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, “भारत और चीन के बीच रिश्ते हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये संबंध केवल दो राष्ट्रों के बीच नहीं, बल्कि समस्त क्षेत्र और वैश्विक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन संबंधों को मजबूत करने के लिए एक दूसरे के प्रति विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता आवश्यक है।
संबंधों की मजबूती के लिए आवश्यकताएँ
1. विश्वास: मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच विश्वास का निर्माण करना आवश्यक है। विश्वास ही वह आधार है, जिस पर मजबूत और स्थायी संबंध स्थापित किए जा सकते हैं।
2. सम्मान: एक दूसरे की संप्रभुता और हितों का सम्मान करना भी आवश्यक है। मोदी ने कहा कि बिना सम्मान के, संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।
3. संवेदनशीलता: दोनों देशों को एक दूसरे की चिंताओं और मुद्दों के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए। इससे न केवल आपसी मतभेद कम होंगे, बल्कि संबंध भी मजबूत होंगे।
क्षेत्रीय और वैश्विक संदर्भ
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि भारत-चीन संबंधों का प्रभाव केवल द्विपक्षीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भी पड़ता है। इन संबंधों में सुधार से न केवल एशिया में स्थिरता आएगी, बल्कि यह वैश्विक मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, और आर्थिक विकास पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
निष्कर्ष
भारत और चीन के बीच संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश स्पष्ट है। विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता ही वह कुंजी हैं, जो इन दोनों देशों के बीच स्थायी और सकारात्मक संबंध स्थापित कर सकती हैं। इस दिशा में आगे बढ़ना न केवल भारत और चीन के लिए, बल्कि समस्त विश्व के लिए आवश्यक है।
इस प्रकार, कज़ान BRICS शिखर सम्मेलन में हुई यह मुलाकात न केवल द्विपक्षीय संबंधों की पुनरावृत्ति का प्रतीक है, बल्कि भविष्य की दिशा भी निर्धारित करती है।