AIN NEWS 1 | भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह क्रिकेट नहीं बल्कि राजनीति है। तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने उन्हें राज्यपाल कोटे के तहत विधान परिषद (MLC) के लिए नामित करने का निर्णय लिया है। राजनीतिक हलकों में यह कदम इस ओर इशारा करता है कि जल्द ही अजहरुद्दीन को राज्य कैबिनेट में मंत्री पद भी मिल सकता है।
यह फैसला खास इसलिए माना जा रहा है क्योंकि कुछ हफ्ते पहले ही अजहरुद्दीन ने खुद को जुबली हिल्स विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस का संभावित उम्मीदवार बताया था। उस समय यह माना जा रहा था कि वे सीधे चुनावी मैदान में उतरेंगे, लेकिन अब पार्टी ने उन्हें विधान परिषद के जरिए सक्रिय राजनीति में बड़ा मौका दिया है।
2023 चुनावों के बाद नई शुरुआत
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपने गृह क्षेत्र से 2023 के विधानसभा चुनावों में किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने राजनीति से दूरी नहीं बनाई और पार्टी गतिविधियों में सक्रिय बने रहे।
जुबली हिल्स की सीट विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के बाद से खाली है। इसलिए माना जा रहा था कि कांग्रेस अजहरुद्दीन को इस सीट से उतार सकती है। लेकिन पार्टी ने रणनीति बदलते हुए उन्हें एमएलसी का पद देकर एक नई भूमिका सौंपी है।
सोशल मीडिया पर जताई खुशी
एमएलसी पद के लिए नामित किए जाने के बाद अजहरुद्दीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने लिखा –
“तेलंगाना में राज्यपाल कोटे के तहत एमएलसी पद के लिए मुझे नामित करने के कैबिनेट के फैसले से मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं। कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खरगे जी, सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी, प्रियंका गांधी जी और के.सी. वेणुगोपाल जी का उनके विश्वास और आशीर्वाद के लिए दिल से धन्यवाद।”
उन्होंने आगे लिखा –
“मैं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जी का भी आभारी हूं। मैं वचन देता हूं कि पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ अपने राज्य की सेवा करूंगा।”
कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया
आइएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि अजहरुद्दीन का एमएलसी के रूप में नामांकन राज्य कैबिनेट में उनके प्रवेश का रास्ता आसान करेगा। पार्टी में उनकी स्वीकार्यता और लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें मंत्री पद मिलने की संभावना प्रबल है।
तेलंगाना कैबिनेट की स्थिति
वर्तमान में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी समेत तेलंगाना सरकार में कुल 14 मंत्री हैं। हालांकि अभी भी तीन सीटें खाली हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इन खाली पदों में से एक पर अजहरुद्दीन को मौका मिल सकता है।
राजनीति में अजहरुद्दीन की पारी
अजहरुद्दीन राजनीति में नए नहीं हैं। इससे पहले वे 2009 से 2014 तक उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से कांग्रेस सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा वे तेलंगाना कांग्रेस इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे हैं। पार्टी संगठन में सक्रिय भूमिका निभाने के कारण वे कांग्रेस नेतृत्व के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते हैं।
क्रिकेट से लेकर प्रशासन तक
62 वर्षीय मोहम्मद अजहरुद्दीन का क्रिकेट करियर बेहद शानदार रहा है। उन्होंने भारत की ओर से 99 टेस्ट और 334 वनडे मैच खेले हैं। टेस्ट में उन्होंने 6215 रन, जबकि वनडे में 9378 रन बनाए।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी उनका खेल से नाता नहीं टूटा। वे 2019 में हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) के 27वें अध्यक्ष चुने गए। यहां भी उन्होंने प्रशासनिक क्षमता और नेतृत्व का परिचय दिया।
राजनीति में क्यों अहम है अजहरुद्दीन का नाम?
अजहरुद्दीन केवल एक पूर्व क्रिकेटर ही नहीं, बल्कि मुस्लिम समुदाय के बीच कांग्रेस के मजबूत चेहरे के रूप में देखे जाते हैं। उनकी लोकप्रियता क्रिकेट मैदान से लेकर राजनीति तक फैली हुई है। खासकर तेलंगाना और हैदराबाद क्षेत्र में उनका प्रभाव काफी है।
पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि उनकी मौजूदगी से कांग्रेस को न केवल मुस्लिम वोटों का फायदा होगा, बल्कि क्रिकेट प्रेमियों और युवाओं के बीच भी आकर्षण बढ़ेगा।
तेलंगाना की राजनीति में मोहम्मद अजहरुद्दीन की भूमिका और मजबूत होती दिख रही है। एमएलसी पद पर नामांकन को केवल औपचारिकता नहीं बल्कि उनके मंत्री बनने की राह माना जा रहा है। क्रिकेट में जहां उन्होंने कप्तानी करते हुए टीम इंडिया को कई ऐतिहासिक जीत दिलाई, वहीं अब उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे राजनीति में भी अपनी पारी उसी समर्पण और ईमानदारी से खेलेंगे।