AIN NEWS 1: हाल ही में बांग्लादेश में हुई हिंसा और विरोध प्रदर्शन ने देश में बड़ी उथल-पुथल मचा दी है। हिंसा के दौरान देश में रहने वाले हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को भी निशाना बनाया गया। इस पर बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।
शेख हसीना का इस्तीफा और हिंसा की स्थिति
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद, बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन किया गया। मोहम्मद यूनुस, जो नोबेल पुरस्कार विजेता भी हैं, अब इस अंतरिम सरकार के नेता बने हैं। उन्होंने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की कड़ी निंदा की और इसे “जघन्य” अपराध बताया।
मोहम्मद यूनुस की अपील
यूनुस ने बांग्लादेश के युवाओं से अपील की कि वे हिंदू, ईसाई और बौद्ध परिवारों को हिंसा से बचाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश अब उनके हाथों में है और वे इसे सुधारने की शक्ति रखते हैं। यूनुस ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने प्रयासों को बर्बाद न होने दें और असफल न हों।
अल्पसंख्यकों पर हमले और उनकी स्थिति
5 अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद, बांग्लादेश के 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदायों पर कम से कम 205 हमले हुए हैं। हिंसा से बचने के लिए हजारों बांग्लादेशी हिंदू भारत में भागने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर विरोधस्वरूप कई हिंदू प्रदर्शनकारी देश के विभिन्न हिस्सों में अपने घरों, दुकानों और मंदिरों पर हमलों के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश और अन्य शीर्ष अधिकारियों के इस्तीफे
बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन और पांच अन्य शीर्ष न्यायाधीशों ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा बांग्लादेश में हसीना शासन के पतन के बाद सड़कों पर हुए बड़े विरोध प्रदर्शन और न्यायपालिका में सुधार की मांग के बीच हुआ। इसके साथ ही, ढाका विश्वविद्यालय के कुलपति और बांग्ला अकादमी के महानिदेशक जैसे कई शीर्ष अधिकारियों ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
यूनुस ने जोर दिया कि बांग्लादेश के नागरिकों को मिलकर अपने देश की रक्षा करनी होगी और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।