नमस्कार,
कल की बड़ी खबर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को 100 करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस मिलने से जुड़ी रही। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने कैश कांड मामले में उन्हें नोटिस भेजा है। दूसरी बड़ी खबर छत्तीसगढ़ में 10 नक्सलियों के मारे जाने को लेकर रही।
आज का प्रमुख इवेंट:
- महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे।
अब कल की बड़ी खबरें…
छत्तीसगढ़: सुकमा में 10 नक्सली ढेर, एनकाउंटर के बाद जवानों का जश्न
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 10 नक्सलियों को मार गिराया। मारे गए नक्सलियों में 3 महिलाएं और 7 पुरुष शामिल हैं। मौके से 3 ऑटोमैटिक हथियार बरामद किए गए हैं। एनकाउंटर के बाद जवानों ने जंगल में हथियारों के साथ डांस करके अपनी जीत का जश्न मनाया।
कहां हुई मुठभेड़?
यह मुठभेड़ सुकमा जिले के भेज्जी के दंतेसपुरम, कोराजुगुड़ा और नागाराम के जंगलों में हुई। सुरक्षाबलों को पहले से सूचना मिली थी कि यहां नक्सलियों का जमावड़ा हो रहा है।
कैसे मिली सफलता?
- खुफिया सूचना: ओडिशा के रास्ते बड़ी संख्या में नक्सली छत्तीसगढ़ की सीमा में दाखिल हुए थे।
- तत्काल कार्रवाई: इस सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया।
- एनकाउंटर: दोनों ओर से हुई मुठभेड़ में 10 नक्सली मारे गए।
पहले दिन की घटना
मुठभेड़ से एक दिन पहले ओडिशा पुलिस ने भी इन नक्सलियों से भिड़ंत की थी। उस मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया था, जबकि एक जवान घायल हो गया था।
2024 में अब तक का रिकॉर्ड
1 जनवरी से 22 नवंबर 2024 तक कुल 207 नक्सली मारे जा चुके हैं। यह छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों की बढ़ती सफलता का संकेत है।
जवानों का उत्साह
इस मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने जंगल में डांस करके अपनी जीत का जश्न मनाया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें जवान अपनी बहादुरी का जश्न मनाते दिख रहे हैं।
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को 100 करोड़ का मानहानि नोटिस, विनोद तावड़े ने झूठे आरोपों का लगाया आरोप
महाराष्ट्र चुनाव के दौरान हुए कथित “कैश कांड” को लेकर भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। तावड़े का कहना है कि इन नेताओं ने उन पर 5 करोड़ रुपये बांटने का झूठा आरोप लगाया, जिससे उनकी और भाजपा की छवि को नुकसान पहुंचा। उन्होंने मांग की है कि कांग्रेस नेता सार्वजनिक रूप से माफी मांगें, अन्यथा उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा।
कैश कांड और आरोपों का संदर्भ
- राहुल गांधी का बयान: राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाते हुए पूछा था, “मोदी जी, ये 5 करोड़ किसके सेफ से निकला है? जनता का पैसा लूटकर यह रकम किसने टेम्पो में भेजी?”
- खड़गे का आरोप: मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था, “राज्य के पूर्व गृहमंत्री पर जानलेवा हमला हो रहा है और दूसरी ओर भाजपा के वरिष्ठ नेता 5 करोड़ कैश के साथ रंगे हाथों पकड़े जा रहे हैं।”
19 नवंबर को क्या हुआ था?
- बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) का आरोप: चुनाव से एक दिन पहले, BVA ने तावड़े पर आरोप लगाया कि उन्होंने 5 करोड़ रुपये नकदी बांटने की कोशिश की।
- FIR दर्ज:
- चुनाव आयोग ने तावड़े और नालासोपारा से भाजपा उम्मीदवार राजन नाइक के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज करवाई।
- पहली एफआईआर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर दर्ज की गई।
- दूसरी एफआईआर में मतदाताओं को नकदी और शराब बांटकर प्रभावित करने का आरोप है।
तावड़े की प्रतिक्रिया
तावड़े ने आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया और कहा कि यह उनकी और भाजपा की छवि को धूमिल करने की साजिश है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि झूठे आरोप लगाने के लिए उन्हें जनता के सामने माफी मांगनी चाहिए।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
तावड़े ने कहा कि अगर कांग्रेस नेता माफी नहीं मांगते हैं, तो वह कोर्ट में कार्रवाई करेंगे। उनका कहना है कि कांग्रेस नेताओं के बयान और आरोप पूरी तरह से राजनीतिक लाभ लेने के लिए लगाए गए हैं।
प्रदूषण संकट: राहुल गांधी ने बताया राष्ट्रीय आपातकाल, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को लगाई फटकार
देश के उत्तरी हिस्सों में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सुप्रीम कोर्ट ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है। जहां राहुल गांधी ने इसे “नेशनल इमरजेंसी” करार दिया, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की प्रदूषण नियंत्रण को लेकर की गई कोशिशों पर असंतोष जताया।
राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने वायु प्रदूषण को एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बताया। उन्होंने कहा:
“उत्तर भारत में एयर पॉल्यूशन नेशनल इमरजेंसी बन चुका है। यह न सिर्फ हमारे बच्चों का भविष्य छीन रहा है बल्कि बुजुर्गों का दम घोंट रहा है। यह एक पर्यावरणीय और आर्थिक आपदा है, जो अनगिनत लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रही है।”
उन्होंने केंद्र सरकार से इस समस्या पर त्वरित और ठोस कदम उठाने की अपील की।
सुप्रीम कोर्ट की दिल्ली सरकार को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की मौजूदा कोशिशें संतोषजनक नहीं हैं।
कोर्ट के महत्वपूर्ण बयान:
- ट्रकों की एंट्री पर कार्रवाई में कमी:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “दिल्ली सरकार ने ट्रकों की एंट्री रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। 113 एंट्री पॉइंट्स में से केवल 13 पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं।” - पुलिस तैनाती का निर्देश:
अदालत ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि सभी एंट्री पॉइंट्स पर पुलिस बल तैनात किए जाएं। - लीगल टीम का गठन:
अदालत ने कहा कि एक विशेष कानूनी टीम बनाई जाएगी, जिसमें बार एसोसिएशन के युवा वकील शामिल होंगे। ये टीम यह सुनिश्चित करेगी कि वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए।
प्रदूषण के समाधान पर क्या हो?
सुप्रीम कोर्ट और राहुल गांधी की चिंताओं के बीच यह स्पष्ट है कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा। ट्रकों की एंट्री पर रोक, औद्योगिक उत्सर्जन पर नियंत्रण, और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना प्राथमिकता होनी चाहिए।
यह संकट अब न केवल पर्यावरणीय बल्कि स्वास्थ्य और आर्थिक मोर्चे पर भी बड़ी चुनौती बन गया है।
मणिपुर हिंसा: मंत्री ने घर को कंटीले तारों से घेरा, कहा- “संपत्ति की रक्षा संवैधानिक हक”
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच राज्य के मंत्री एल सुसींद्रो ने अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए अपने घर को कंटीले तारों और लोहे के जाल से घेर दिया है। उन्होंने कहा कि संपत्ति की रक्षा करना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भीड़ ने दोबारा हमला किया तो इसका जवाब दिया जाएगा।
मंत्री ने क्यों उठाया यह कदम?
मंत्री सुसींद्रो ने बताया कि मई से लेकर अब तक तीन बार उनकी संपत्ति पर हमले हो चुके हैं।
- 16 नवंबर की घटना: करीब 3,000 लोग उनके घर के बाहर जमा हो गए। भीड़ ने घर को नुकसान पहुंचाया और फायरिंग भी की।
- भय और सुरक्षा: इन हमलों के चलते मंत्री ने अपने घर को कंटीले तारों से घेरने का फैसला लिया।
मणिपुर में बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था
हिंसा पर नियंत्रण के लिए राज्य में सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
- 11,000 और सुरक्षाबल तैनात होंगे:
राज्य के चीफ सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह ने जानकारी दी कि आर्म्ड फोर्सेस की 90 कंपनियां तैनात की जाएंगी। - पूरे राज्य में कवर: इन बलों को अलग-अलग संवेदनशील इलाकों में भेजा जाएगा ताकि हिंसा पर रोक लगाई जा सके।
मणिपुर हिंसा का प्रभाव
मई 2023 से मणिपुर हिंसा में लगातार संपत्ति और जनहानि की घटनाएं हो रही हैं।
- हिंसा के चलते मंत्री और आम नागरिकों को अपनी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाने पड़ रहे हैं।
- राज्य और केंद्र सरकार हिंसा को नियंत्रित करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं।
यह घटनाएं राज्य में शांति और सुरक्षा बहाल करने की बड़ी चुनौती को उजागर करती हैं। मंत्री द्वारा अपनी संपत्ति की रक्षा के लिए उठाए गए कदम स्थानीय स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं।
सिद्दिकी मर्डर केस: मजदूर का हॉटस्पॉट इस्तेमाल कर मास्टरमाइंड से की गई बातचीत
बाबा सिद्दिकी मर्डर केस में पुलिस ने एक और बड़ा खुलासा किया है। मामले के मुख्य आरोपी, आकाशदीप गिल, ने मास्टरमाइंड अनमोल बिश्नोई से बातचीत करने के लिए एक मजदूर के मोबाइल हॉटस्पॉट का इस्तेमाल किया था। यह जानकारी पंजाब से गिरफ्तार किए गए आकाशदीप से पूछताछ के दौरान सामने आई।
घटना का बैकग्राउंड
- हत्या की घटना: 12 अक्टूबर की रात, मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में बाबा सिद्दिकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
- पुलिस जांच: मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है और अभी आकाशदीप के मोबाइल की तलाश जारी है।
पुलिस की नई जानकारी
- हॉटस्पॉट का इस्तेमाल:
- मास्टरमाइंड से संपर्क साधने के लिए आकाशदीप ने एक मजदूर का हॉटस्पॉट इस्तेमाल किया।
- इससे वह अपनी पहचान छिपाने और पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था।
- तकनीकी जांच:
पुलिस अब मजदूर के मोबाइल डेटा और हॉटस्पॉट उपयोग के रिकॉर्ड को खंगाल रही है ताकि बातचीत का पूरा ब्यौरा सामने आ सके।
मामले की गंभीरता
यह खुलासा इस बात को रेखांकित करता है कि अपराधियों ने हत्या की साजिश को अंजाम देने के लिए तकनीक का सावधानीपूर्वक उपयोग किया। पुलिस को उम्मीद है कि मोबाइल की बरामदगी और डिजिटल डेटा की जांच से मामले की तह तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
आगे की कार्रवाई
- पुलिस अब अनमोल बिश्नोई और हत्या के अन्य संदिग्धों को पकड़ने के लिए प्रयास तेज कर रही है।
- क्राइम ब्रांच का फोकस मास्टरमाइंड और आरोपी के बीच बातचीत के कारण और हत्या की साजिश का पर्दाफाश करने पर है।
बाबा सिद्दिकी मर्डर केस ने अपराधियों की संगठित योजनाओं और पुलिस के सामने खड़ी चुनौती को उजागर किया है।
केजरीवाल का ‘रेवड़ी पर चर्चा’ अभियान: जनता से पूछेंगे- मुफ्त सुविधाएं चाहिए या नहीं?
आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘रेवड़ी पर चर्चा’ अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत दिल्ली में 65 हजार बैठकों के माध्यम से जनता से सीधे संवाद किया जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली में 6 महत्वपूर्ण मुफ्त सुविधाएं दी हैं, जिन्हें विपक्ष ‘रेवड़ियां’ कहता है। अब जनता से पूछा जाएगा कि ये सुविधाएं जारी रहनी चाहिए या नहीं।
क्या हैं ये 6 मुफ्त सुविधाएं?
- दिल्ली के लोगों को दी जा रही ये मुफ्त सुविधाएं मुख्यतः स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी, बिजली, परिवहन, और महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी हैं।
- केजरीवाल ने कहा कि इन कदमों से आम जनता का जीवन बेहतर हुआ है और यह सरकार की जिम्मेदारी है।
2025 में खत्म होगा मौजूदा कार्यकाल
- मौजूदा सरकार का कार्यकाल:
दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को समाप्त होगा। - पिछले चुनाव का प्रदर्शन:
- 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 70 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की थी।
- भाजपा केवल 8 सीटें जीत सकी थी, जबकि कांग्रेस का खाता नहीं खुला था।
‘रेवड़ी’ पर राजनीतिक बहस
- केजरीवाल सरकार की मुफ्त योजनाओं को लेकर विपक्षी दलों, खासकर भाजपा, ने इसे ‘रेवड़ी संस्कृति’ कहा है।
- केजरीवाल ने इसे जनता का अधिकार बताते हुए कहा कि विपक्ष इस पर गलत प्रचार कर रहा है।
65 हजार मीटिंग क्यों?
- इस अभियान के जरिए AAP जनता से फीडबैक लेगी और यह समझने की कोशिश करेगी कि लोग इन योजनाओं को जारी रखने के पक्ष में हैं या नहीं।
- जनता की राय जानने के बाद, पार्टी आने वाले चुनावों के लिए रणनीति तैयार करेगी।
राजनीतिक संदेश
केजरीवाल का यह अभियान एक ओर जनता से सीधा जुड़ने का प्रयास है, तो दूसरी ओर विपक्ष के आरोपों का जवाब भी। यह अभियान न केवल 2025 के चुनाव की तैयारी है बल्कि AAP के मुफ्त योजनाओं को लेकर जनता के समर्थन को मापने का भी जरिया है।