नमस्कार,
कल की बड़ी खबर दिल्ली चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के ऐलान और उस पर BJP के आरोपों की रही। एक खबर मणिपुर हिंसा पर CM बीरेन सिंह के बयान की रही। हम आपको ये भी बताएंगे कि इस साल कौन-कौन से बड़े बदलाव होने हैं।
आज के प्रमुख इवेंट्स:
- केंद्रीय कैबिनेट की बैठक सुबह 10.30 बजे होगी। दिल्ली के लिए घोषणाएं हो सकती हैं।
- वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ कटरा बंद बुलाया गया है। कटरा में 12 किमी रास्ते पर रोपवे का व्यापारी, खच्चर और पालकीवाले विरोध कर रहे हैं।
अब कल की बड़ी खबरें…
BJP ने केजरीवाल का पोस्टर जारी किया, केजरीवाल बोले- गाली देने से देश का भला नहीं होगा
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में दिल्ली में “पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना” लॉन्च की। इस योजना के तहत पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने ₹18,000 सैलरी देने का वादा किया गया है।
इस घोषणा के बाद, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने केजरीवाल पर निशाना साधा। BJP ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्टर जारी किया, जिसमें केजरीवाल को फिल्म “भूल-भुलैया” के किरदार छोटा पंडित (राजपाल यादव) के रूप में दिखाया गया। BJP ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए लिखा, “जो व्यक्ति 10 साल से इमामों को सैलरी बांटता रहा, उसे अब चुनाव आते ही पुजारियों और ग्रंथियों की याद आई।”
केजरीवाल का जवाब:
BJP के इस पोस्टर पर केजरीवाल ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने X पर लिखा:
“जब से पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा हुई है, भाजपा वाले मुझे गंदी-गंदी गालियां दे रहे हैं। क्या मुझे गाली देने से देश का फायदा होगा? आपकी 20 राज्यों में सरकारें हैं। गुजरात में तो आपकी 30 साल से सरकार है। आपने अभी तक वहां पुजारियों और ग्रंथियों का सम्मान क्यों नहीं किया? चलो, अब ही कर दो। मैंने सबको रास्ता दिखा दिया है। मुझे गालियां क्यों देते हो?”
BJP का आरोप:
BJP ने केजरीवाल को “चुनावी हिंदू” करार देते हुए दावा किया कि यह योजना केवल चुनावी लाभ लेने के लिए लाई गई है। उनका आरोप है कि केजरीवाल ने पहले इमामों को सैलरी दी और अब चुनाव नजदीक आते ही पुजारियों और ग्रंथियों को याद किया।
यह वाकया आगामी चुनावों में राजनीतिक दलों के बीच तीखे हमलों का नया उदाहरण बन गया है।
मणिपुर हिंसा पर CM बीरेन सिंह बोले- राज्य के लोग मुझे माफ करें, हमें अपनी गलतियों से सीखना होगा
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में जारी हिंसा और उससे हुई मौतों को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। उन्होंने एक भावुक बयान देते हुए कहा:
“3 मई 2023 से लेकर अब तक जो भी घटनाएं हुईं, उसके लिए मैं मणिपुर के लोगों से माफी मांगता हूं। इस हिंसा में कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया, कई को अपने घर छोड़ने पड़े। मुझे इस पर गहरा खेद है।”
मणिपुर में 600 दिन का जातीय संघर्ष
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसा 3 मई 2023 को शुरू हुई थी और तब से अब तक स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस संघर्ष में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
मुख्य घटनाएं और आँकड़े:
- मौतें: 200 से ज्यादा लोग मारे गए।
- FIR दर्ज: लगभग 12,247 मामले दर्ज किए गए।
- गिरफ्तारियां: 625 आरोपियों को हिरासत में लिया गया।
- हथियार और विस्फोटक बरामदगी: लगभग 5,600 हथियार, 35,000 गोला-बारूद और विस्फोटक जब्त किए गए।
CM की अपील:
CM बीरेन सिंह ने कहा कि यह वक्त राज्य के लोगों को एकजुट होकर शांति और समाधान की ओर बढ़ने का है। उन्होंने कहा, “हमें अपनी गलतियों से सीखना होगा और राज्य में स्थिरता लानी होगी।”
मणिपुर में लंबे समय से चल रहे इस जातीय संघर्ष ने न केवल जान-माल का भारी नुकसान पहुंचाया है, बल्कि राज्य की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर भी गहरा प्रभाव डाला है।
2025 के बड़े बदलाव: पुराने फोन पर WhatsApp बंद, UPI लिमिट दोगुनी और अन्य प्रमुख परिवर्तन
2025 की शुरुआत के साथ, कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो रहे हैं। ये बदलाव तकनीक, शिक्षा, कृषि, वित्त और अन्य क्षेत्रों में होंगे। आइए विस्तार से जानते हैं इन परिवर्तनों के बारे में:
1. तकनीक और संचार में बदलाव
- WhatsApp बंद होगा: Android 4.4 किटकैट और उससे पहले के वर्जन पर WhatsApp अब काम नहीं करेगा।
- सस्ते Voice+SMS पैक: टेलीकॉम कंपनियां डेटा की आवश्यकता न रखने वाले यूजर्स के लिए नया और सस्ता Voice+SMS पैक पेश करेंगी।
2. UPI और बैंकिंग में बदलाव
- UPI लिमिट बढ़ी: फीचर फोन यूजर्स अब ₹10,000 तक UPI पेमेंट कर सकेंगे। पहले यह सीमा ₹5,000 थी।
- पेंशनर्स को राहत: पेंशनधारक अब किसी भी बैंक से बिना अतिरिक्त वेरिफिकेशन के अपनी पेंशन निकाल सकेंगे।
3. टैक्स और कृषि क्षेत्र में सुधार
- ITR फाइलिंग: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 जनवरी तक बढ़ा दी गई है।
- किसानों को लाभ: किसानों को बिना गारंटी के ₹2 लाख तक का लोन मिलेगा, जो पहले ₹1.6 लाख तक सीमित था।
4. ऑटोमोबाइल सेक्टर में बदलाव
- वाहनों की कीमत बढ़ी: मारुति, हुंडई, टाटा, किआ और MG सहित अन्य कंपनियों की गाड़ियों के दाम बढ़ गए हैं। बाइक और कमर्शियल व्हीकल्स की कीमतें भी 2-3% तक बढ़ेंगी।
- BS-7 मानक लागू: 1 अप्रैल से भारत स्टेज-7 (BS-7) लागू होगा, जिससे गाड़ियों का प्रदूषण स्तर नियंत्रित किया जाएगा।
5. शिक्षा क्षेत्र में बदलाव
- नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म: अब 5वीं और 8वीं में फेल होने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा।
- कोचिंग सेंटर्स के लिए नियम: 16 साल से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग सेंटर में एडमिशन नहीं मिलेगा। भ्रामक विज्ञापन करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
- विदेशी डिग्री भारत में: भारतीय और विदेशी यूनिवर्सिटी साझा कोर्स शुरू करेंगी, जिससे भारत में पढ़कर विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री मिल सकेगी।
6. रक्षा और सुरक्षा में सुधार
- अग्निवीरों को आरक्षण: CISF और BSF में अग्निवीरों को 10% आरक्षण मिलेगा। इसके अलावा, फिजिकल टेस्ट और उम्र सीमा में छूट दी जाएगी।
2025 के ये बदलाव विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के जीवन को प्रभावित करेंगे और देश के विकास में नई दिशा प्रदान करेंगे।
डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए 3 दिन का समय, पंजाब सरकार ने कहा- बातचीत के लिए तैयार
सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए पंजाब सरकार को तीन दिन का समय दिया है। डल्लेवाल पिछले 36 दिनों से आमरण अनशन पर हैं और उनकी हालत गंभीर होती जा रही है।
डल्लेवाल की मांगें:
डल्लेवाल ने अपनी हड़ताल में 13 प्रमुख मांगों को रखा है, जिनमें सबसे अहम मांग सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी है।
पंजाब सरकार का रुख:
पंजाब सरकार ने अदालत को बताया कि एक मध्यस्थ के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि यदि किसान यूनियन इस मामले में दखल देती है, तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश:
कोर्ट ने पंजाब सरकार से डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए जल्द से जल्द कदम उठाने का निर्देश दिया।
- अस्पताल में भर्ती: कोर्ट ने स्पष्ट किया कि डल्लेवाल को अगले तीन दिनों के भीतर अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
- संवेदनशीलता की अपील: कोर्ट ने पंजाब सरकार से मामले को संवेदनशीलता और गंभीरता से संभालने की सलाह दी।
किसान आंदोलन का प्रभाव:
डल्लेवाल के इस आमरण अनशन ने किसानों के मुद्दों को एक बार फिर राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना दिया है। सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत और समाधान निकालने की कोशिशें जारी हैं।
यमन में भारतीय नर्स को मौत की सजा, राष्ट्रपति की मंजूरी; भारत ने कहा- हरसंभव मदद करेंगे
यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली मौत की सजा को वहां के राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि सरकार निमिषा को हर संभव मदद उपलब्ध करा रही है।
क्या है पूरा मामला?
- क्लिनिक की साझेदारी:
2015 में निमिषा प्रिया ने यमन की राजधानी सना में यमनी नागरिक महदी के साथ साझेदारी में एक क्लिनिक शुरू किया था। - पासपोर्ट जब्त और उत्पीड़न:
निमिषा पर आरोप है कि महदी ने उनका पासपोर्ट कब्जे में ले लिया और उन्हें प्रताड़ित करता था। - हत्या का आरोप:
जुलाई 2017 में, निमिषा ने महदी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया। जब असर नहीं हुआ, तो उन्होंने ओवरडोज दिया, जिससे महदी की मौत हो गई।
न्यायिक प्रक्रिया और सजा:
- मौत की सजा:
यमन की अदालत ने निमिषा को महदी की हत्या का दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई थी। - राष्ट्रपति की मंजूरी:
अब यमन के राष्ट्रपति ने इस सजा को मंजूरी दे दी है। निमिषा को एक महीने के भीतर सजा दी जा सकती है।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया:
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा:
“हम इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और निमिषा प्रिया को हर संभव कानूनी और कांसुलर मदद मुहैया करा रहे हैं।”
परिवार और सहयोगियों की अपील:
निमिषा के परिवार ने भारत सरकार से अपील की है कि वह यमन सरकार से बात कर माफी या सजा में रियायत दिलाने की कोशिश करें।
स्थिति का व्यापक प्रभाव:
यह मामला भारत और यमन के बीच राजनयिक संबंधों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों और न्याय प्रणाली के दायरे में भी चर्चा का विषय बन गया है। सरकार और मानवाधिकार संगठनों की ओर से इस मामले में आगे और कदम उठाए जाने की उम्मीद है।